बंगाल में इमामों ने वोटरों को भेजे 10 हजार पत्र, कहा-मुस्लिम वोट न बंटें, नहीं तो फासिस्ट ताकतें जीतेंगी
इन इमामों ने करीब 10 हजार पत्र लिखे हैं. इसमें उन्होंने लिखा है कि वह न सिर्फ खुद वोट डालें बल्कि अपने घरवालों और अपने रिश्तेदारों को भी प्रेरित करें.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में प्रमुख मुस्लिम नेताओं और मुख्य इमामों ने मुस्लिम समुदायों के लोगों को अपने वोट के अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए पत्र लिखे हैं. इन इमामों ने करीब 10 हजार पत्र लिखे हैं. इसमें उन्होंने लिखा है कि वह न सिर्फ खुद वोट डालें बल्कि अपने घरवालों और अपने रिश्तेदारों को भी प्रेरित करें.
पश्चिम बंगाल में ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के द्वारा कारी फजलुर रहमान के साइन किए 10 हजार पत्र भेजे हैं. ये पत्र उर्दू और बंगाली में लिखे हैं. इस पत्र में सेक्युलर ताकतों के पक्ष में वोट करने की अपील की गई है.
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लिखे हुए पत्र में कहा गया है कि लोकतंत्र में चुनावों का कोई विकल्प नहीं है. इसमें हमें अपनी सरकार चुनने का मौका मिलता है. एक भी गलती हुई तो आपको पूरे 5 साल तक इंतजार करना पड़ता है. इसलिए आप अपना वोट सोच समझकर दें. फजलुर रहमान ने कहा, हम अपने मुस्लिम भाइयों से अपील कर रहे हैं कि वह सावधानी और सोच समझकर वोट दें. इससे सांप्रदायिक ताकतें अपना सिर न उठा सकें.
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जब उनसे पूछा गया कि पश्चिम बंगाल में कौन सेक्युलर पार्टी है, जिसे लोगों को चुनना चाहिए, इस पर उन्होंने कहा, जो भी राज्य में ताकतवर हो और जिसके जीतने के ज्यादा चांस हों. तृणमूल की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, बंगाल में सबसे ज्यादा चांस इस बात के हैं कि यहां पर राज करने वाली पार्टी को मुस्लिम वोट सबसे ज्यादा मिलेंगे. अगर मुस्लिम वोट नहीं बंटने चाहिए, ऐसा हुआ तो फासिस्ट ताकतें मजबूत होंगीं.