Maulana Tauqeer: 1, 2, 3... नहीं ढेरों बयान, मौलाना तौकीर रजा का एक ऐलान और पूरे देश में बवाल
Mass Conversion Uproar: इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान का विवादित बयानों के साथ चोली-दामन का रिश्ता है. सांप्रदायिक दंगों के आरोपी मौलाना तौकीर का 21 जुलाई को धर्म परिवर्तन और सामूहिक निकाह करवाने के ऐलान से देशभर में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है.
Maulana Tauqeer Raza Controversy: उत्तर प्रदेश के बरेली में विवादित नेता मौलाना तौकीर रजा खान ने जिला प्रशासन से 21 जुलाई को सामूहिक धर्म परिवर्तन और सामूहिक निकाह करवाने के लिए इजाजत मांगी है. इसके बाद हिंदू संगठनों ने सीएम योगी आदित्यनाथ और जिला में पुलिस-प्रशासन से सांप्रदायिक दंगों के आरोपी रहे विवादित मौलाना तौकीर के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
गिरिराज सिंह ने साधा अखिलेश की चुप्पी पर निशाना
मौलाना के इस नए ऐलान से यूपी के बाहर भी सियासत तेज हो गई है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि सामूहिक धर्म परिवर्तन के ऐलान पर अखिलेश यादव जुबान खोल नहीं रहे और गिरिराज बोले तो यह कम्युनल हो जाएगा. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी किसी गलतफहमी में नहीं रहे. काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती. दूसरी ओर, मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि हमने तो प्रशासन से परमीशन मांगी है हिन्दू तो वो भी नहीं मांगते.
मौलाना के बयान से एक बार फिर पूरे देश में बवाल मचा
योगी राज में 23 लड़के-लड़कियों के सामूहिक धर्म परिवर्तन और 21 जुलाई को एक साथ पांच लड़के- लड़कियों का धर्म परिवर्तन के साथ सामूहिक निकाह का ऐलान कर मौलाना तौकीर रजा वे एक बार फिर पूरे देश में बवाल मचा दिया है. हालांकि, उसके लिए यह कोई पहला मुद्दा नहीं है. सांप्रदायिक तौर पर सुलगने वाले मुद्दों, विवादित बयानों और ऐलान से मौलाना का काफी पुराना याराना है. आइए, मौलाना तौकीर रजा खान के विवादित बयानों की कुंडली जानने से पहले देखते हैं कि मौजूदा मामले में बरेली के जिला प्रशासन, पुलिस के आला अधिकारी और दूसरे पक्ष के नेताओं ने क्या-क्या कहा है.
बरेली जिला पुलिस और प्रशासन ने दिए सख्ती के संकेत
बरेली के डीएम रवींद्र कुमार ने दफ्तर में मिलने आए हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद इस मामले में उचित कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया. वहीं, एसएसपी अनुराग आर्य ने कहा, ''कल सिटी मजिस्ट्रेट को एक प्रार्थना पत्र दिया गया था और इसकी जांच स्थानीय पुलिस और एलआई (लोकल इंटेलिजेंस) द्वारा की जा रही है. जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज की जाएगी. बरेली पुलिस ने सभी स्थानीय लोगों को आश्वस्त किया है कि किसी को भी शहर और जिले की कानून-व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. अगर कोई भी ऐसा प्रयास करेगा तो पुलिस उससे सख्ती से निपटेगी.''
दूसरे पक्ष ने भी संभाला मोर्चा, मौलाना को बताया विक्षिप्त
दूसरी ओर, अब तक 512 मुस्लिम युवतियों की घर वापसी करवाने वाले पंडित के के शंखधर ने कहा कि तौकीर रजा 2010 दंगे का आरोपी है और सावन महीने में शहर का माहौल बिगड़ना चाहता है. उन्होंने तौकीर रजा से कहा कि आपके पूर्वज भी तो हिंदू थे आप भी आ जाइए. हम आपको घर वापसी करवाते हैं. वहीं, विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय प्रबंधन समिति सदस्य डॉ राजकमल गुप्ता ने तौकीर रजा को मानसिक रूप से विक्षिप्त करार दिया. उन्होंने कहा कि तौकीर रजा 23 लोगो का धर्मपरिवर्तन कराने की बात करके हमको चैलेंज दें रहा है तो ईंट का जवाब पत्थर से दिया जायेगा. हम किसी को भी धर्मपरिवर्तन नहीं कराने देंगे.
विवादित मौलाना तौकीर रजा खान की सियासत क्या है
बहरहाल, ताजा अपडेट के बाद अब विवादित मौलाना तौकीर रजा खान की सियासत और उनके चर्चित बयानों के बारे में जानते हैं. तौकीर रजा खान इस्लाम के सुन्नी फिरके के मुसलमानों के बरेली वाले धड़े के मजहबी नेता हैं. इस्लाम के सुन्नी बरेलवी संप्रदाय की शुरुआत करने वाले विश्व प्रसिद्ध आला हजरत परिवार से ताल्लुक रखने वाले तौकीर रजा खान अपने खानदान से सियासत में कदम रखने वाले पहले शख्स होने का दावा करते हैं. उन्होंने साल 2001 में अपनी राजनीतिक पार्टी इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल की स्थापना की थी.
पार्टी बनाकर कांग्रेस, सपा, बसपा सबको एक-एक कर सपोर्ट
अपने पहले ही चुनाव में उनकी पार्टी आईएमसी ने नगरपालिका की 10 सीटें जीतीं. साल 2009 में तौकीर रजा कांग्रेस में शामिल हो गए. उनके समर्थन से कांग्रेस उम्मीदवार ने भाजपा के संतोष गंगवार को हराने में कामयाब हासिल की. साल 2010 में बरेली सांप्रदायिक दंगों के आरोपी तौकीर रजा को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. साल 2012 के विधानसभा चुनाव में तौकीर रजा ने समाजवादी पार्टी का समर्थन किया था. उनकी पार्टी ने भोजीपुरा से चुनाव भी जीता था.
मुजफ्फरनगर दंगा के बाद सपा छोड़कर केजरीवाल से मिले
सपा सरकार ने 2013 में तौकीर रजा को हैंडलूम कॉरपोरेशन का उपाध्यक्ष बनाया था. मुजफ्फरनगर दंगों के बाद तौकीर रजा ने यह पद छोड़ दिया था. बाद में उन्होंने सपा से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की और सुर्खियां बटोरी. तौकीर रजा ने साल 2014 में मायावती की बसपा का समर्थन किया था. साल 2015 में उन्होंने ऑल मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (जेडेड) नाम से एक संगठन बना लिया था. अब जानते हैं तौकीर रजा के कुछ चुनिंदा विवादित बयानों के बारे में जिसने देश भर में बवाल मचा दिया था.
1. द्रौपदी पर विवादित बयान, हिंदुओं को दी सीधी धमकी
तौकीर रजा का विवादों से काफी पुराना और चोली दामन का रिश्ता है. मौलाना ने साल 2017 में द्रौपदी को लेकर विवादित बयान दिया था. वहीं, 2022 में बरेली में मुसलमानों की सभा में बोलते हुए कथित तौर पर हिंदुओं को खुली धमकी दी थी. रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा था कि मैं अपने हिंदू भाइयों को चेतावनी देना चाहता हूं कि मुझे डर है कि जिस दिन मेरा मुस्लिम नौजवान कानून अपने हाथ में लेने को मजबूर हो जाएगा, तुम्हें हिंदुस्तान में कहीं भी छिपने की जगह नहीं मिलेगी.
2. ज्ञानवापी विवाद पर दी गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी
वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में कथित शिवलिंग मिलने पर मौलाना तौकीर रजा ने कहा था कि फव्वारे को शिवलिंग मानकर धर्म और कानून का मजाक उड़ाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अयोध्या मुद्दे पर जितना भी झूठ बोला गया. हमने बाबरी पर बर्दाश्त कर लिया अब हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. सरकार हर मस्जिद को मंदिर बनाना चाहती है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो इसके गंभीर परिणाम होंगे. सड़कों पर लड़ाई होगी.
3. आजम मामले में योगी सरकार से हिसाब चुकाने की धमकी
जेल से रिहा होने के बाद मौलाना तौकीर रजा ने सपा नेता आजम खान से मुलाकात की थी. उन्होंने तब कहा था कि योगी सरकार ने आजम खान पर बहुत जुल्म किए हैं. इन सभी जुल्मों का हिसाब सरकार से एक-एक कर जरूर लिया जाएगा.
4. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ भड़काऊ बयान
देशभर में सीएए के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान भी मौलाना तौकीर रजा ने विवादित बयान दिया था. उन्होंने प्रदर्शनकारियों को भड़काते हुए कहा था कि अगर भारत सरकार नागरिकता संशोधन विधेयक वापस नहीं लेती है तो सड़कों पर खून बहेगा. सबसे पहले उन्हें गोली लगेगी. दंगे होंगे और इसमें मुस्लिम और दलित भी उनका साथ देंगे.
5. लेखिका तस्लीमा नसरीन का सिर काटने पर इनाम का फतवा
मौलाना तौकीर रजा ने साल 2007 में बांग्लादेश से निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन के खिलाफ फतवा जारी किया था. उन्होंने तस्लीमा का सिर काटकर लाने वाले को 5 लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि फतवा वापस लेने का एक ही तरीका है कि वह अपनी किताबें जला दें और भारत छोड़ दें.
6. मुस्लिम लड़के-लड़कियों के खिलाफ फंडिंग, नशे का कारोबार
मौलाना तौकीर रजा ने हाल ही में सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो मुस्लिम लड़कियों और हिंदू लड़कों को लेकर विवादित बयान दिया. मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि मुस्लिम युवाओं के खिलाफ साजिश रची जा रही है. मुस्लिम बस्तियों में युवाओं को निशाना बनाकर उन्हें नशे का आदी बनाया जा रहा है. मुस्लिम युवा नशे की खरीद-फरोख्त का धंधा कर रहे हैं. इसके लिए हिंदू लड़कों को फंडिग की जाती है.
7. हलद्वानी हिंसा के वक्त खुलेआम जान से मारने की धमकी
इससे पहले मौलाना तौकीर रजा ने हल्द्वानी हिंसा को लेकर विवादित बयान दिया था. मौलाना ने कहा था, "तुम हमारे घर पर बुलडोजर चला दोगे तो क्या हम चुप बैठेंगे? अब किसी बुलडोजर को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट अगर संज्ञान नहीं ले रहा है तो हम अपनी हिफाजत खुद करेंगे. हमें कानून ने अधिकार दिया है कि अगर हमपर कोई हमला होता है तो हम उसे जान से मार दें. मौलाना तौकीर रजा ने पीएम मोदी और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल और आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.
8. पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी, सपा को भी हड़काया
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान उन्होंने सपा को आरएसएस के इशारे पर चलने वाली पार्टी करार दिया. वहीं, पीएम मोदी की तुलना धृतराष्ट्र से की. तीसरी बार मोदी सरकार बनने पर देश में महाभारत होने की चेतावनी भी दी.
9. लिव-इन रिलेशनशिप और समलैंगिकता के खिलाफ बयानबाजी
मौलाना तौकीर रजा के अनुसार सहमति से संबंध की इजाजत कानून देता है, लेकिन मजहब नहीं देता. उनका कहना है कि कानून में तो समलैंगिकता का भी अधिकार है, लेकिन हिंदुस्तानी सभ्यता और संस्कार इसकी इजाजत नहीं देते. मौलाना ने कहा कि किसी भी सूरत में लिव-इन रिलेशनशिप को बर्दाश्त नहीं करेंगे.
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10. इस्लाम के फिरकों शिया-सुन्नी विवाद पर भी चौंकाने वाले बयान
शिया-सुन्नी संघर्षों को लेकर भी मौलाना तौकीर रजा का बयान अमन को बढ़ाने वाला नहीं होता. हालांकि, मजहब के अंदरूनी मुद्दों की वदह से इसे ज्यादा तरजीह नहीं दी जाती.