IMD Weather Prediction: अप्रैल बीतने में बस 1 दिन बचा है. मई की शुरूआत होने को है. ये महीने बेहद भीषण गर्मी के दिन माने जाते हैं. लेकिन इस बार मौसम अजब पहेली बना हुआ है. वजह है लगातार पहाड़ों पर होती बर्फबारी. जहां एक तरफ देश के कई इलाके भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं तो वहीं कश्मीर, हिमाचल औऱ उत्तराखंड के कई इलाकों में बर्फबारी हो रही है. कई जगह दो इंच तक बर्फ भी जमा है. इसके अलावा मौसम विभाग ने पंजाब हरियाणा में बारिश की भी संभावना जताई है. 


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अप्रैल में बिन मांगे हो रही बर्फबारी


जहां एक तरफ दिसंबर जनवरी के महीने बर्फ को तरसते रह गए तो वहीं अप्रैल में बिन मांगे बर्फ पड़ रही है. पहाड़ों पर तस्वीरें ऐसी हैं मानो मई नहीं जनवरी की शुरूआत होने वाली हो! एक तऱफ आधा भारत भीषण गर्मी से जूझ रहा है. पारा 40 के पार पहुंच चुका है.. कई इलाके लू की चपेट में हैं. वहीं पहाड़ों पर बर्फबारी हो रही है. कश्मीर से लेकर हिमाचल प्रदेश तक पहाड़ बर्फ से ढके है.


जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में फिर से ताजा बर्फबारी हुई है. शनिवार से ही राज्य के कई इलाकों में बर्फबारी के कारण यातायात ठप हो गया है. कश्मीर के गुरेज में करीब 30 से ज्यादा  वाहन बर्फ में फंस गए. इन वाहनों को निकालने के लिए बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन की मदद लेनी पड़ी. कश्मीर के कुछ हिस्सों में तेज बारिश से बाढ़ जैसे हालात भी बन गए हैं.


लोगों को ऊंचे इलाकों से बचने की अपील


बर्फबारी कितनी भारी थी इसका अंदाज़ा इस बात से लगाइए कि करीब 2 फीट तक बर्फ जमा है. कश्मीर में 30 अप्रैल तक बर्फबारी होने की संभावना जताई गई है. जम्मू-कश्मीर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने चार जिलों के ऊंचे इलाकों में हिमस्खलन की चेतावनी जारी की है. चेतावनी में कहा गया है कि बारामुला, बांडीपोरा,  कुपवाड़ा और मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में हिमस्खलन हो सकता है, जिसके बाद इन इलाकों में रहने वाले लोगों को सावधानी बरतने और हिमस्खलन संभावित क्षेत्रों में जाने से बचने की सलाह दी गई है.


दूसरे पहाड़ी राज्य हिमाचल में मौसम ने करवट बदली है. लाहौल स्पीति की पूरी वादी बर्फ की सफेद चादर में लिपट चुकी है. हरे भरे पेड़ सफेद बर्फ में ढक चुके हैं. दूर दूर तक कोई इंसान नजर नहीं आ रहा है. पूरा इलाका बर्फिस्तान में तब्दील हो गया है. दूर -दूर तक सिर्फ और सिर्फ बर्फ दिखाई दे रही है.


कई इलाकों में मुसीबत बनी बर्फबारी


ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. केलांग और कुकुमसेरी का तापमान फिर माइनस में पहुंच गया है. अटल टनल रोहतांग से वाहनों की आवाजाही जारी है लेकिन शिंकुला दर्रा और दारचा से सरचू तक हाईवे फिर से ब्रेक लग गया है लेकिन लाहौल-स्पीति में बर्फबारी का सिलसिला नहीं थम रहा है. मौसम विभाग ने हिमाचल के कई इलाकों लिए अलर्ट जारी किया है.


वहीं उत्तराखंड की बात की जाए तो जहां एक तरफ उसके कई जंगल आग में झुलस रहे हैं तो वहीं चमोली में पिछले कुछ दिनों से लगातार हुई बर्फबारी से लोग परेशान हैं. इलाके के लोग फिलहाल मैदानी भागों में रह रहे हैं. मौसम के बदले मिजाज के बाद लोग जब अपने आशियाने का हाल जानने पहुंचे तो पता लगा कि बर्फबारी और तेज हवाओं से कई घरों को नुकसान पहुंचा है. अप्रैल में अचानक बदले इस मौसम से सब हैरान है और सवाल उठ रहा है कि आखिर क्या वजह है कि इस मौसम में भी बर्फ देखने को मिल रही है.


देश के दूसरे हिस्सों में लू से लोग परेशान


अप्रैल में जहां ऊंचे पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी हो रही है. वहीं ओडिशा, कर्नाटक, बिहार के लोग हीटवेव से परेशान हैं. देश के कई इलाकों में गर्मी से बुरा हाल है. इस बार भी गर्मी अपने सभी रिकॉर्ड तोड़ रही है. इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस साल 2024 में अप्रैल के महीने में ही कई जगह 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. कई राज्यों में जमकर लू चल रही है, जिसके लिए मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है.


मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लिए लू का रेड अलर्ट जारी किया गया है. वहीं, केरल, बिहार, झारखंड, कर्नाटक और तमिलनाडु में हीटवेव की स्थिति बनी रहेगी. पटना में भी तापमान 40-45 डिग्री तक पहुंच गया है और हालत ये है कि इससे सब्ज़ियों के दाम बढ़ने भी शुरू हो गए हैं. वहीं इस गर्मी के बीच राहत की बात ये है कि कई इलाकों में बारिश के पूर्वानुमान की भी बात की गई है. 


दिल्ली-एनसीआर में बढ़ सकता है तापमान


इसके अलावा दिल्ली की अगर बात की जाए तो वहां कल यानी रविवार को आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहे. तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस ज्यादा होने से गर्मी जरूर रही, लेकिन दिल्ली में लू से अभी राहत है. दिल्ली में आने वाले दिनों में तापमान बढ़ने की आशंका है.. और अधिकतम तापमान 40 डिग्री तक जा सकता है.


मौसम में हो रहे इस बदलाव की क्या है वजह


मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अप्रैल में बर्फबारी समेत देशभर में हो रहे मौसमी बदलाव की वजह जलवायु परिवर्तन है. इसके चलते मौसम का चक्र धीरे-धीरे अस्त-व्यस्त हो रहा है. दुनिया में कॉर्बन डाई ऑक्साइड वाले उपकरणों ज्यादा यूज करने की वजह से गर्मी बढ़ती जा रही है. इससे गर्मियों के महीने बढ़े हैं और सर्दियों का सीजन आगे खिसक रहा है. यही वजह से सर्दियों में सूखा देखने को मिल रहा है तो गर्मियों में बर्फबारी हो रही है.