Rajasthan Bhilwara News: राजस्थान के भीलवाड़ा में  भाई- बहन की ऐसी जोड़ी मशहूर है, जो स्कूटर पर कहीं भी जाते वक्त हमेशा साथ चलते हैं. लेकिन क्या वे ऐसा अपनी खुशी से करते हैं. नहीं, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. उनके साथ चलने के पीछे बड़ी मजबूरी छिपी है. इसकी वजह ये है कि भाई एक हाथ से अपाहिज हैं. एक बार लकवा पड़ने की वजह से उनका दाहिना हाथ बेकार हो गया था. तब से ट्राई स्कूटर चलाने में वे अपने दम पर असहाय हो गए. ऐसे में बहन उनकी मदद को आगे आईं, जिसके चलते वे ट्राई स्कूटर चलाने में सक्षम हो सकें. 


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भीलवाड़ा के शंकर लाल की कहानी


यह कहानी भीलवाड़ा में रहने वाले शंकर लाल कोली और उनकी बहन मांगी बाई की है. असल में एक बार शंकर लाल को लकवा पड़ गया था, जिससे उनके दाहिने हाथ ने काम करना बंद कर दिया था. लेकिन उन्होंने इस स्थिति से घबराकर घर में बैठना मंजूर नहीं किया. वे पहले की तरह अपने दम पर स्कूटी चलाकर बाहर आना- जाना चाहते थे. 


लकवे की वजह से बेकार हो गया एक हाथ


इसके लिए वे पहले स्कूटी का इस्तेमाल कर लेते थे लेकिन हाथ में लकवा होने की वजह से उनके लिए स्कूटी चलाना मुश्किल हो गया. इसके बाद उन्होंने ट्राई स्कूटर ले लिया, जिसमें सपोर्ट के लिए साइड में दो पहिये लगे हैं. लेकिन उसमें भी दिक्कत थी कि दाहिना हाथ बेकार होने की वजह से उसकी रेस घुमाना उनके लिए नामुमकिन था. ऐसे में उनकी बहन मांगी बाई मदद के लिए सामने आईं. 


अब पीछे बैठकर बहन देती है स्कूटर की रेस


अब जब भी शंकर लाल को कहीं बाहर जाना होता है तो बहन मांगी बाई पीछे बैठकर जाती हैं. शंकर बायें हाथ से स्कूटर पकड़कर चलाते हैं, जबकि मांगी बाई अपना दाहिना हाथ आगे करके स्कूटर की रेस देती हैं. ऐसा करके वे अपनी मंजिल पर पहुंच जाते हैं. 


भाई- बहन की ये जोड़ी जब भी कहीं से गुजरती है तो लोग हैरानी से देखते हैं. लेकिन जब वे उनकी कहानी को जानते हैं तो उनकी हिम्मत और भाई- बहन के स्नेह की सराहना करने से खुद को रोक नहीं पाते. आखिर करें भी क्यों नहीं, भाई- बहन का रिश्ता ही ऐसा होता है, जो पूरे जन्मभर साथ रहता है और जिसकी कमी कोई दूसरा पूरा नहीं कर सकता.