Viral News in Hindi Tihar village: समाज और जेल के बीच चोली दामन का साथ भले न हो, लेकिन दोनों के बीच अटूट नाता जरूर होता है. जब समाज से जुड़ा कोई शख्स इलाके की शांति और लोगों के लिए खतरा बन जाता है, तब संविधान की छत्र छाया में बुना कानून (Law) उसे समाज की चौहद्दी (सीमा) से धकेलकर जेल (Jail) की सलाखों के पीछे पहुंचा देता है. खबरों (news) के दीवाने हों या किताबों के शौकीन (book lovers) या फिर फिल्मी-सिनेमा के तलबगार, सस्पेंस थ्रिलर हर तबके के बीच पसंद किया जाता है. इसी के साथ जेल से जुड़े किस्से-कहानियां भी लोगों में काफी ज्यादा चर्चित होते हैं. ऐसे में यहां कहानी भारत के उस गांव की जहां करीब 25 हजार कैदी एक साथ रहते हैं.


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भारत का वो 'गांव' जहां भाईचारे के माहौल में रहते हैं कैदी


ये गांव किसी सुदूरवर्ती इलाके में नहीं बल्कि राजधानी दिल्ली में है. इस गांव का नाम तिहाड़ है. तिहाड़ जेल दिल्ली के तिहाड़ गांव में है. दिल्ली सरकार के दस्तावेजों के मुताबिक इस जेल का निर्माण 1957 में पूरा हुआ था. धीरे-धीरे देश की आबादी की तरह दिल्ली की आबादी बढ़ी तो कैदियों की तादाद भी बढ़ती गई. इस तरह इस जेल का विस्तार होता रहा और धीरे-धीरे ये जेल पूरे गांव में फैल गई. तिहाड़ जेल कितनी बड़ी है, ये अंदाजा आप बस इस बात से लगा सकते हैं कि 2024 के एक डाटा के मुताबिक फिलहाल तिहाड़ जेल में क्षमता से अधिक करीब 25000 कैदी हैं. 


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इस जेल के दो जेलर सुनील गुप्ता और दीपक शर्मा दोनों सोशल मीडिया पर बेहद एक्टिव हैं, वो अक्सर तिहाड़ में अपने कार्यकाल से जुड़े किस्से जनता से साझा करते हैं. 


दिल्ली की तिहाड़ जेल हमेशा सुर्खियों में रहती है. तिहाड़ को लेकर लोगों के मन में खूब जिज्ञासा भी रहती है. इसलिए आइए आपको बताते हैं तिहाड़ जेल से जुड़ी एक रोचक कहानी जिसके बारे में बहुत से लोगों को जानकारी नहीं होगी. तिहाड़ जेल (Tihar Jail) तिहाड़ जेल साउथ एशिया की सबसे बड़ी जेलों में से एक है. तिहाड़ जेल राजधानी में पश्चिमी दिल्ली स्थित जनकपुरी से 3 किमी दूर तिहाड़ गांव में बनी है. इसके निर्माण के करीब 10 साल तक तिहाड़ जेल की सुरक्षा व्यवस्था पंजाब राज्य की ओर से संचालित व्यवस्थाओं के तहत संभाली जाती थी. 1966 में इसका नियंत्रण दिल्ली को ट्रांसफर कर दिया गया था.


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शांति और भाईचारे के साथ कैसे रहते हैं कैदी?


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबित तिहाड़ जेल की ओवरहालिंग एक सुधारक संस्था के रूप में की गयी है. ऐसा करने का प्रमुख मकसद, कैदियों को उपयोगी कौशल, शिक्षा और कानून के प्रति सम्मान प्रदान करके समाज के सामान्य सदस्यों में परिवर्तित करना है. ये जेल, लोगों में अपने नाम और अन्य कई वजहों से काफी पॉपुलर है.