IT का कश्मीर में छापा, बिजनेस ग्रुप के ठिकानों से करोड़ो रुपये के नकदी-कागजात बरामद
आयकर विभाग (Income Tax Department) ने जम्मू-कश्मीर (Kashmir) के एक बिजनेस ग्रुप (Business Group) के 15 ठिकानों पर छापेमारी की है.
श्रीनगर: आयकर विभाग (Income Tax Department) ने जम्मू-कश्मीर (Kashmir) के एक बिजनेस ग्रुप (Business Group) के 15 ठिकानों पर छापेमारी की है. इनमें से 14 ठिकाने श्रीनगर और एक दिल्ली में बना था.
रियल, होटल इंडस्ट्री, हैंडिक्राफ्टस कॉरपेट ट्रेडिंग से जुड़ा है बिजनेस ग्रुप
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेशन (CBDT) के मुताबिक गुरुवार को की गई इस छापेमारी में 1 करोड़ 82 लाख रुपये कैश और 74 लाख रुपए बरामद किया गया. विभाग के मुताबिक जिस बिजनेस ग्रुप के ठिकानों पर छापेमारी हुई. वह रियल एस्टेट, होटल इंडस्ट्री, हैंडिक्राफ्ट, कॉरपेट ट्रेडिंग से जुड़ा हुआ है. बिजनेस ग्रुप के ठिकानों से बरामद कैश और गोल्ड का कोई हिसाब-किताब नहीं मिला.
रोशनी एक्ट का फायदा उठाकर अरबों रुपये की सरकारी जमीन हथिया ली
विभाग ने कहा कि बिजनेस ग्रुप के पास से 105 करोड़ रुपये के निवेश दस्तावेज भी मिले. इन निवेश का कहीं कोई लेखा-जोखा उपलब्ध नहीं हुआ. CBDT ने बिजनेस ग्रुप का नाम लिए बिना कहा कि उस ग्रुप का श्रीनगर में 75 हजार वर्ग फीट का शॉपिंग मॉल है. यह जमीन 'रोशनी एक्ट' का दुरुपयोग करके कौड़ियों के भाव खरीदी गई थी. छापेमारी के दौरान इस मॉल के निर्माण में 25 करोड़ रुपये भी खर्च किए गए. यह धनराशि कहां से जुटाई गई, इसका भी कहीं कोई हिसाब-किताब नहीं मिला.
रेजिडेंशल टॉवर और स्कूल चला रहा है बिजनेस ग्रुप
CBDT ने कहा कि जांच में पता चला कि बिजनेस ग्रुप श्रीनगर में 6 रेजिडेंशल टॉवर का भी निर्माण कर रहा है. इनमें से 2 टॉवर में 50 फ्लैट बनकर तैयार हो चुके हैं. इन टॉवर्स का भी आईटी रिटर्न में कोई उल्लेख नहीं किया गया. पहली नजर में पता लगा है कि इन टॉवर्स के निर्माण में करीब 20 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जा रही है. छापेमारी में यह भी पता चला कि बिजनेस ग्रुप एक स्कूल भी संचालित कर रहा है, जो इनकम टैक्स एक्ट के तहत रजिस्टर्ड नहीं है.
फर्जी लेनदेन के कागजात जब्त किए गए
स्कूल के लिए बने ट्रस्ट के एक मेंबर ने स्वीकार किया कि वहां से धनराशि डाइवर्ट कर दूसरे बिजनेस प्रोजेक्ट में लगाई गई. प्रथम दृष्टया पता लगा है कि इस स्कूल के निर्माण में बिना हिसाब-किताब वाले 10 करोड़ रुपये खर्च किए गए. जांच में 50 करोड़ रुपये की फर्जी रसीद और पेमेंट के कागजात भी जब्त किए गए. जांच एजेंसी को छापेमारी में 3 लॉकर का भी पता चला, जिन्हें सील कर दिया गया.
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J&K Bank प्रबंधन से सांठगांठ कर करोड़ों रुपये का डिफॉल्ट लोन ले लिया
छापेमारी में बिजनेस ग्रुप का एक और फर्जीवाड़ा पकड़ में आया. जांच में पता चला कि बिजनेस ग्रुप ने अपनी संपत्तियों के मूल्यांकन के लिए एक इंजीनियरिंग कंसलटेंट फर्म हायर कर रखी थी. उस फर्म ने ग्रुप की संपत्तियों का करीब 100 बार मूल्यांकन किया. यह मूल्यांकन इस प्रकार किया गया, जिससे उसे J&K Bank से अधिकतम लोन मिल सके. इसके बाद यह सारा लोन साजिश के तहत डिफॉल्ट कर दिया गया. लेकिन उस फर्म के रिटर्न में इन मूल्यांकनों का कोई उल्लेख नहीं मिला.
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