नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर सीजफायर (Ceasefire) का पालन करवाने के लिए भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) एक कदम और आगे बढ़ गए हैं. दोनों देशों की सेनाओं ने शुक्रवार को पुंछ-रावलकोट चौकी पर ब्रिगेडियर स्तरीय बैठक की.


दोनों पक्षों में शुक्रवार को हुई बैठक


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सेना ने ट्वीट कर कहा कि दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच युद्ध विराम (Ceasefire) का पालन करने पर सहमति बना दी थी. इस बातचीत में दोनों पक्षों ने वर्ष 2003 के सीजफायर समझौते के पालन पर दोबारा से लौटने पर सहमति जताई थी. इसी के बाद 26 मार्च को दोनों पक्षों के बीच पहली बार बैठक हुई. 


 



आर्मी चीफ नरवणे ने चेताया


इससे पहले आर्मी चीफ जनरल एम एम नरवणे (Manoj Mukund Narwane) ने गुरुवार को कहा था कि नियंत्रण रेखा पर 5-6 साल में पहली बार शांति रही. एक घटना को छोड़कर मार्च में एक भी गोली नहीं चली. उन्होंने कहा, ‘मुझे यह सूचित करते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि पूरे मार्च महीने में, एक अकेली घटना को छोड़ कर, नियंत्रण रेखा पर एक भी गोली नहीं चली. करीब पांच-छह साल में यह पहला मौका है, जब एलओसी पर शांति रही.’इसी के साथ उन्होंने चेताया कि पाकिस्तान की धरती पर लांच-पैड (ठिकाने) समेत आतंकी ढांचे कायम हैं. 


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बदले-बदले से हैं पाकिस्तान के सुर


बता दें कि पिछले कुछ हफ्तों से पाकिस्तान के सत्ता प्रतिष्ठान की भारत के प्रति बोली बदली-बदली नजर आ रही है. पाकिस्तान की पीएम इमरान खान और आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा अपने कई बयानों में पुरानी बातों को भुलाकर आगे बढ़ने की बात कर चुके हैं. लेकिन अतीत के कड़वे अनुभवों को देखते हुए भारत फिलहाल पाकिस्तान के बयानों पर कोई प्रतिक्रिया देने से हिचक रहा है. 


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