Chinese conspiracy near Uttarakhand border: अपनी विस्तारवादी नीति के लिए बदनाम चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (XI Jinping) का एक और कारनामा सामने आया है. पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ जारी गतिरोध और बार-बार घुसपैठ की कोशिश में नाकाम होने के बाद चीनी सेना यानी पिपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) अब इंडियन बॉर्डर के पास अपने पैर पसारने की कोशिश कर रहा है. उत्तराखंड से सटी भारत-चीन सीमा के पास लाल सेना की नई साज़िश का खुलासा हुआ है.


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चीन की गांव वाली साजिश


खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चीन उत्तराखंड के पास अपने हिस्से में बॉर्डर डिफेंस विलेज बना रहा है. चीन ने LAC से करीब 11 किलोमीटर दूर इसका कंस्ट्रक्शन शुरू किया है. बॉर्डर डिफेंस विलेज में 250 घर बनाए जाने की खबर है. इन घरों में हर तरह की ज़रूरी सुविधाएं दी गई हैं. ज़ाहिर है, चीन के इस कंस्ट्रक्शन प्लान के पीछे कोई ना कोई चाल छिपी है. क्योंकि चीनी सेना LAC पर अपनी साज़िशों से कभी बाज़ नहीं आती है. बॉर्डर के पास कुछ दिनों के अंतर पर PLA की तरफ से कोई ना कोई कार्रवाई ज़रूर की जाती है. कुछ दिनों पहले भी उत्तराखंड से लगी सीमा से करीब 35 किलोमीटर दूर चीनी हिस्से में 50 से ज़्यादा घर बनाए जाने की जानकारी सामने आई थी.


700 गांव या फौजी अड्डे?


सूत्रों के हवाले से खबर है कि चीन भारत से सटे LAC के पास करीब 700 गांव बना रहा है, जिसमें से अकेले 400 गांव ईस्टर्न सेक्टर में बनाए जा रहे हैं.. ये तमाम गांव चीनी सेना PLA की निगरानी में है. कहने के लिए तो ये गांव हैं मगर हकीकत में ये बड़े-बड़े कॉम्प्लेक्स हैं, जिनमें तमाम सुख-सुविधाएं हैं और इन्हें बनाने के पीछे चीन का मकसद भारतीय सीमा पर नज़र बनाए रखना है. 


जमीन और आसमान दोनों पर नजर


इतना ही नहीं चीन लगातार उत्तराखंड के नज़दीक अपने इलाकों को हवाई संपर्क से जोड़ने की कोशिश भी कर रहा है. चीनी सेना उत्तराखंड में नीति दर्रा के सामने अपने इलाके में कैंप तैयार कर रही है. सेना के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चीनी सेना नीति दर्रा में सड़क के साथ-साथ हेलीपैड भी बना रही है. ये इलाका उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सीमा से लगे एलएसी के पास है. जहां चीन मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी बढ़ाने का काम कर रहा है. नीति दर्रा के पास सारंग और पोलिंग जींद में चीन की ओर से हेलीपैड तैयार किए जा रहे हैं. नीति दर्रा का इलाका 1962 के चीन-भारत युद्ध के बाद से बंद कर दिया गया है. 



ड्रैगन के खुराफाती दिमाग में नई साज़िश


आपको बताते चलें कि नीति दर्रा हिमालय के ज़रिए उत्तराखंड को तिब्बत से जोड़ने का मुख्य रास्ता है. जो चीन और भारत के बीच हुई 1962 की जंग से पहले व्यापार के लिए इस्तेमाल किया जाता था. मगर युद्ध के बाद ये रास्ता बंद है और यहां लंबे समय से शांति छाई है. मगर चीन की मौज़ूदा हरकतों से साफ है कि लाल सेना को ये शांति बर्दाश्त नहीं हो रही है. ड्रैगन के खुराफाती दिमाग में नई साज़िश चल रही है. इसीलिए सीमा से सटे उत्तरी और पूर्वी हिस्से के बाद अब पीएलए की कोशिश एलएसी के उन इलाकों में दाखिल होने की है. जहां काफी वक्त से कोई हरकत नहीं हुई हो. हालांकि चीन की इन हरकतों और हिमाकतों पर भारतीय सेना लगातार नज़र बनाए हुई है.