India China News in Hindi: चीन से लगातार बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत भी अपनी रक्षा क्षमताओं में तेजी से बढ़ोतरी कर रहा है. अब भारत अपनी सेनाओं को मजबूत करने के लिए भारत अब तीन नए जासूसी विमान विकसित करने की योजना बना रहा है, जो दुश्मन के संचार पर कड़ी नजर रखने और लंबी दूरी के निगरानी मिशनों को अंजाम देने में सक्षम होंगे. यह परियोजना स्वदेशी रूप से संचालित की जाएगी. इन विमानों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली अधिकांश तकनीक और उपकरण भारत में बनाए जाएंगे.


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तीन नए जासूसी विमान बनाने की योजना


रक्षा अधिकारियों के मुताबिक भारतीय सेना के लिए तीन नए जासूसी विमान बनाए जाने की योजना है. इन विमानों को सिग्नल इंटेलिजेंस और संचार जैमिंग सिस्टम विमान भी कहा जाता है. इन विमानों को बनाने का प्रस्ताव एडवांस्ड स्टेज में है और अगले सप्ताह उसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है. अधिकारियों के अनुसार यह परियोजना रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला यानी DRDO और भारतीय वायु सेना की ओर से संयुक्त रूप से विकसित की जा रही है. इन विमानों को बनाने के लिए एयरबस-319 श्रेणी के विमानों का उपयोग किया जाएगा. 


लंबे समय से महसूस की जा रही थी जरूरत


अधिकारियों ने बताया कि इन विमानों के प्लेटफॉर्म खरीदने के लिए संबंधित एजेंसियां जल्द ही ​​विमान निर्माताओं कंपनियों को टेंडर जारी करेंगी. इस तरह के जासूसी विमानों की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी, जिस पर अब ध्यान दिया जा रहा है.


 प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक इस परियोजना पर काम सेंटर फॉर एयरबोर्न स्टडीज कर रहा है. वह इसके साथ ही सेनाओं के लिए एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम समेत कई विकास परियोजनाओं को भी पूरा करने में लगा हुआ है. यह मौजूदा नेत्रा विमान (Netra) की अगली पीढ़ी है, जो निर्माण के बाद AEW&C नेत्रा मार्क1ए कहलाएगी.


छह नए अवाक्स खरीदेगी भारतीय वायुसेना!


बताते चलें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद में पिछले साल ही एम्ब्रेयर विमान पर आधारित छह और AEW&C विमान खरीदने का प्रस्ताव लाने की भारतीय वायु सेना की योजना पर डिस्कशन हुआ था. 


चीनी खतरे से निपटने की तैयारी


चीन के खतरे से निपटने के लिए भारतीय वायु सेना अपने तमाम साजोसामान को अपग्रेड कर रही है. उसकी योजना स्वदेशी इंटेलिजेंस, निगरानी, ​​लक्ष्य प्राप्ति और टोही (आई-स्टार) विमान, एम्ब्रेयर लीगेसी जेट विमान प्लेटफॉर्म पर एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (एईडब्ल्यूएंडसी) मार्क 1ए विमान, एयरबस 321 पर एईडब्ल्यूसी मार्क 2 विकसित करने की है. 


नेवी और कोस्ट गार्ड पर भी ध्यान


भारतीय वायु सेना के साथ ही भारतीय तट रक्षक और भारतीय नौसेना के लिए भी मध्यम दूरी की क्षमता वाले टोही विमान विकसित जा रहे हैं. भारतीय तटरक्षक बल के प्रमुख महानिदेशक राकेश पाल ने हाल ही में कहा था कि सी-295-आधारित समुद्री निगरानी विमान बल को भारतीय क्षेत्र पर नजर रखने के लिए एक मजबूत स्वदेशी क्षमता प्रदान करेगा.