India Mongolia Relations: चीन (China) के पड़ोसी मंगोलिया (Mongolia) के साथ भारत ने संस्कृतिक डिप्लोमेसी (Cultural Diplomacy) की शुरुआत की है. केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू (Kiran Rijiju) ने इस विषय में देश की नई रणनीति का सिलसिलेवार खुलासा किया है. इस सिलसिले में मंगोलिया के साथ रिश्ते मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार अब मंगोलिया सरकार के आग्रह पर भारत भगवान बुद्ध से जुड़े अवशेष भेज रही है.


मंगोलिया से मजबूत रिश्ते समय की मांग: रिजिजू


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस नई रणनीतिक मुहिम के तहत कानून मंत्री किरण के नेतृत्व में 25 सदस्यीय दल भगवान बुद्ध के अवशेषों को लेकर रवाना होगा. जहां मंगोलिया सरकार ने इस भारतीय डेलिगेशन को राजकीय अतिथि का दर्जा दिया है. बता दें कि रणनीतिक रिश्तों के लिहाज से भारत के लिए मंगोलिया से संबंध बेहद महत्वपूर्ण हैं.


(भगवान बुद्ध की निशानी)

इन पवित्र प्रतीक चिन्हों को कपिलवस्तु अवशेष कहा जाता है. भारत समय-समय पर अपने पड़ोसी देशों खासतौर से श्रीलंका, जापान, मंगोलिया जैसे वह देश जहां बौद्ध धर्म के मानने वाले बड़ी तादाद में है वहां पर अवशेष दर्शन के लिए लेकर जाता रहा है. इस साल 14 जून को बुद्ध पूर्णिमा है लिहाजा मंगोलियन सरकार की तरफ से भारत सरकार से अपील की गई थी कि भगवान बुध से जुड़े जो अवशेष हैं उनको कुछ दिन के लिए मंगोलिया भेजा जाए.



इससे पहले 1993 में हुआ था ऐसा


कानून मंत्री किरण रिजिजू और संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने दिल्ली की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इससे पहले 1993 में मंगोलिया में दर्शन करने के लिए भारत की तरफ से यह अवशेष भेजे गए थे. भारत में नेशनल म्यूजियम के भीतर इन अवशेषों को सुरक्षित रखा गया है.


भारत और मंगोलिया के पुराने संबंध 


कानून मंत्री किरण रिजिजू के मुताबिक भारत और मंगोलिया के पुराने संबंध हैं. अभी वर्तमान में 500 बौद्ध भिक्षु भारत में अलग-अलग जगह मोनेस्ट्री में अध्ययन कर रहे हैं. मंगोलिया में भगवान बुद्ध को मानने वाले बड़ी तादाद में हैं. इसलिए मंगोलिया सरकार के विशेष आग्रह पर भारत की तरफ से अवशेष एक विशेष डेलिगेशन सी 17 ग्लोबमास्टर विमान के जरिए वहां पर भेजे जा रहे हैं. पहले इन अवशेषों को 1 सप्ताह के लिए मंगोलिया में रखा जाना था लेकिन मंगोलिया सरकार के आग्रह पर इनको अब 11 दिन तक मंगोलिया में रखा जाएगा. सबसे पहले राजधानी उलान बटोर में इन अवशेषों को दर्शन के लिए रखा जाएगा. 14 जून को बुद्ध पूर्णिमा के दिन मंगोलिया में ये लोगों के दर्शन के लिए रखे जाएंगे. विदेश मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय के तालमेल से इन अवशेषों को भेजा जा रहा है.


नए रिश्तों की अहमियत


मंगोलिया, चीन के उत्तर में रूस और चीन के बीच बसा हुआ देश है. लिहाजा इसको आप सांस्कृतिक डिप्लोमेसी भी कह सकते हैं. जो रणनीतिक रिश्तों के लिहाज से भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. हालांकि भारत और मंगोलिया के बीच रिश्ते मधुर रहे हैं. भारत की तरफ से भी मंगोलिया के लिए विशेष महत्व दिया जाता रहा है. माना जा रहा है कि इस मुहिम से भारत और मंगोलिया के रिश्ते और मजबूत होंगे क्योंकि मंगोलिया के लोगों के लिए भगवान बुद्ध से जुड़े हुए अवशेषों के दर्शन करने का एक विशेष महत्व और भावनात्मक लगाव भी है.