नई दिल्ली : भारत ने अपनी तरह की पहली कार्रवाई में बुधवार देर रात नियंत्रण रेखा के पार स्थित सात आतंकी ठिकानों पर निशाना साधकर सर्जिकल हमले किए। इसके साथ सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से भारत में घुसपैठ की तैयारी कर रहे आतंकवादियों को भारी नुकसान पहुंचाया। इस हमले में कई दर्जन आतंकियों के मारे जाने की खबरें हैं। 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेतावनी दी थी कि उरी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को बिना सजा नहीं छोड़ा जाएगा। रक्षा सूत्रों ने आज कहा कि भारतीय सेना के विशेष बलों ने 28 और 29 सितंबर की दरमियानी रात लगभग पांच घंटे तक चले अभियान में नियंत्रण रेखा के पार स्थित सात आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। इस दौरान हेलीकॉप्टर सवार और जमीनी बलों का इस्तेमाल किया गया।


सूत्रों ने बताया कि पीओके स्थित ये आतंकी ठिकाने नियंत्रण रेखा (एलओसी) से दो से तीन किलोमीटर के दायरे में थे और इन पर एक सप्ताह से अधिक समय से नजर रखी जा रही थी। केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि जम्मू कश्मीर में कुपवाड़ा और पुंछ से लगती नियंत्रण रेखा के पार पांच-छह ठिकानों को निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा कि भारतीय पक्ष को कोई नुकसान नहीं हुआ।


आतंकी हमलों के ताजा प्रयासों को रोकने के लिए की गई इस त्वरित कार्रवाई के बारे में सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में घोषणा की। यह कार्रवाई उरी आतंकी हमले के 10 दिन बाद की गई है। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों द्वारा उरी में एक सैन्य शिविर पर किए गए हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे।


इस हमले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हमलावर ‘सजा से बच नहीं पाएंगे’ और 18 जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उरी हमले के बाद राजग सरकार पर पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का काफी दबाव था। अपुष्ट खबरों के मुताबिक सात ठिकानों पर करीब 40 आतंकवादी मौजूद थे और हो सकता है कि वे सभी मारे गये हों। हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। 


लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा, ‘भारतीय सेना ने कल रात ये लक्षित हमले हमें कल मिली इस अत्यंत विश्वसनीय और विशिष्ट सूचना के आधार पर किए कि आतंकवादियों के कुछ दल घुसपैठ करने और जम्मू कश्मीर तथा देश के कई अन्य महानगरों में आतंकी हमले करने के इरादे से नियंत्रण रेखा के पास आतंकी ठिकानों में जमा हुए हैं।’ संवाददाता सम्मेलन में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप भी मौजूद थे।


पाकिस्तान ने हालांकि भारत के दावे को ‘मनगढ़ंत’ करार दिया तथा कहा कि सीमा पार से की गई गोलीबारी को लक्षित हमले बताना भारत द्वारा मीडिया में सनसनी पैदा करने का प्रयास है। पाकिस्तानी सेना ने इस्लामाबाद में एक बयान में कहा, ‘भारत ने कोई लक्षित हमला नहीं किया है, इसकी जगह भारत की ओर से सीमा पार से गोलीबारी की गई जो अक्सर होता रहता है।’ 


डीजीएमओ ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक से बात की और उन्हें भारत की चिंताओं से अवगत कराया तथा बीती रात किए गए लक्षित अभियान का ब्योरा भी साझा किया। सूत्रों के मुताबिक, अभियान में भारी हथियारों का इस्तेमाल किया गया जिसे सेना के पैरा कमांडों ने संभाला। सात आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने के अभियान में थर्मल इमेजर्स और हाई-मास्क्ड लाइट्स का इस्तेमाल किया गया।


सूत्रों ने बताया कि कुपवाड़ा के पास चार आतंकी ठिकाने नियंत्रण रेखा से महज 300 मीटर की दूरी पर थे और सैनिकों ने भारी गोलीबारी कर उन्हें तबाह कर दिया। इन जवानों को ले जाने के लिए किसी हेलीकॉप्टर का उपयोग नहीं किया गया। सू़त्रों के अनुसार, लक्षित हमलों का शिकार हुए इन आतंकी ठिकानों के लिए पाकिस्तानी सेना की ओर से मदद का इंतजाम कुछ दूरी पर था और इन शिविरों में मौजूद आतंकवादियों को संभलने का मौका भी नहीं मिला।


भारतीय सेना द्वारा लक्षित हमले किए जाने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति की बैठक के तुरंत बाद की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा अन्य को इन लक्षित हमलों के बारे में सूचित किया।


मुख्य विपक्षी कांग्रेस समेत राजनीतिक दलों ने मतभेदों को दरकिनार कर सरकार के प्रति समर्थन जताया और सैन्य कार्रवाई की तारीफ की। विदेश सचिव एस. जयशंकर ने पी-5 समूह समेत 25 देशों के राजदूतों को कार्रवाई की जानकारी दी। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने ब्यौरा साझा करते हुए कहा कि अभियान मुख्य रूप से इस बात पर केंद्रित था कि आतंकवादी घुसपैठ की अपनी साजिश में कामयाब नहीं हों और हमारे देश के नागरिकों को खतरा नहीं पहुंचा सके।


उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद रोधी इन अभियानों में आतंकवादियों तथा उन्हें मदद पहुंचाने की कोशिश करने वालों को भारी नुकसान पहुंचा है। आतंकवादियों को मार गिराने का अभियान रोक दिया गया है। अभियान को जारी रखने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। हालांकि भारतीय सशस्त्र बल किसी भी संभावित स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार हैं। भारत का इरादा क्षेत्र में शांति एवं अमन बनाए रखने का है, लेकिन हम निश्चित तौर पर नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों को सक्रिय रहने तथा हमारे देश के नागरिकों पर हमलों की अनुमति नहीं दे सकते।’ 


डीजीएमओ ने कहा, ‘भारत के खिलाफ अपनी जमीन या क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं होने देने की पाकिस्तान द्वारा 2004 में की गई प्रतिबद्धता के अनुरूप हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तानी सेना अपने क्षेत्र से आतंकवाद को उखाड़ फेंकने के नजरिए से हमारा सहयोग करेगी।’ रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सेना को अभियान की सफलता पर बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘सफल अभियान के लिए भारतीय सेना को बधाई।’ (एजेंसी इनपुट के साथ)