India sends humanitarian aid to Malawi: दक्षिणपूर्व अफ्रीका में स्थित मलावी इन दिनों अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है, जिसकी सूचना मिलते ही भारत ने मदद का हाथ बढ़ा दिया. भारत को जैसे ही पता चला कि मलावी में लोगों के पास खाने को कुछ नहीं है, सूखे से सब भूखों मर रहे, उसने तुरंत मानवीय सहायता के तौर पर शनिवार को 1,000 मीट्रिक टन चावल भेजा दिया.


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मलावी में सूखे से जिंदगी तबाह
दक्षिण-पूर्वी अफ्रीकी देश सूखे से प्रभावित है. यहां फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा है और खाद्य उत्पादन पर भी असर पड़ा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘'अल-नीनो के प्रभाव के कारण उत्पन्न गंभीर सूखे के परिणामों से निपटने के लिए आज मलावी को 1000 मीट्रिक टन चावल की एक खेप भेजी गई है.’’



28 जिलों में से 23 में सूखे से मर रहे लोग
मलावी सरकार ने मार्च में देश के 28 जिलों में से 23 में सूखे के बाद आपदा की स्थिति घोषित कर दी थी. एसोसिएट प्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति का कहना था कि उसे तत्काल 200 मिलियन डॉलर से अधिक मानवीय सहायता की आवश्यकता है, जबकि पड़ोसी देश जाम्बिया ने भी मदद की अपील की थी. मलावी इस क्षेत्र का नवीनतम देश है जिसकी खाद्य आपूर्ति गंभीर सूखे के कारण चरमरा गई है, जिसे एल नीनो मौसम की घटना से जोड़ा गया है.


50 मिलियन लोग भूख से परेशान
डब्ल्यूएफपी ने कहा कि दशकों में सबसे सूखे दौर से पहले ही दक्षिणी और मध्य अफ्रीका के कुछ हिस्सों में लगभग 50 मिलियन लोग खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे थे. यूएसएआईडी, अमेरिकी सरकार की सहायता एजेंसी ने पहले ही कहा कि 2024 की शुरुआत में दक्षिणी अफ्रीका में 20 मिलियन से अधिक लोगों को खाद्य सहायता की तत्काल आवश्यकता होगी, इन सबकी वजह है अल नीनो.


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