नई दिल्ली: शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai cooperation organization-SCO) की बैठक में भारत ‘साझा बौद्ध विरासत' पर सदस्य देशों का ध्यान आकर्षित करेगा. भारत की मेजबानी में यह वर्चुअल बैठक 30 नवंबर को होगी. नई दिल्ली ने प्रोटोकॉल के तहत  एससीओ के सभी सदस्य देशों - पाकिस्तान, चीन, रूस और 4 मध्य एशियाई देशों कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान को बैठक के लिए आमंत्रित किया है.


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भारत से चीन पहुंचा है बौद्ध धर्म
जब बात SCO देशों की आती है, तो चीन (China), किर्गिस्तान (Kyrgyzstan) से लेकर रूस के कई हिस्सों में बौद्ध विरासत और संस्कृति का प्रभाव देखने को मिलता है. किर्गिस्तान में जापान द्वारा पुनर्निर्मित किये जा रहे कई बौद्ध सांस्कृतिक स्थल हैं. वहीं, रूस (Russia) के कलमीकिया में बौद्ध धर्म को मानने वाली बड़ी आबादी है. वहां लोग दलाई लामा को अपने आध्यात्मिक गुरु के रूप में देखते हैं. बता दें कि पहली शताब्दी में बौद्ध धर्म भारत से चीन पहुंचा था. 


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सम्मेलन की मेजबानी करेगा भारत
वहीं, भारत द्वारा साझा सांस्कृतिक विरासत को संजोने और उसे दुनिया के समक्ष प्रदर्शित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई कदम उठाये जा रहे हैं. भारत अगले साल से शुरू होने वाले बौद्ध अध्ययन पर एक बड़े सम्मेलन की मेजबानी भी करेगा, जिसमें दुनियाभर के बौद्ध विद्वान भाग लेंगे. बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध को बोधगया में ही निर्वाण प्राप्त हुआ था. हर साल यहां दुनियाभर से हजारों तीर्थयात्री आते हैं.


संबंध मजबूत करने पर जोर
भारत-श्रीलंका के बीच हुए वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान, भारत ने बौद्ध धर्म के मद्देनजर दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों को गहरा करने के लिए श्रीलंका को $15 मिलियन डॉलर के अनुदान की घोषणा की थी. जिसका इस्तेमाल श्रीलंका में बौद्ध सांस्कृतिक स्थलों के निर्माण और नवीनीकरण, पुरातात्विक सहयोग, भगवान बुद्ध पर पारस्परिक अध्ययन, बौद्ध छात्रवृत्ति को मजबूत करने आदि पर किया जाएगा.


आते हैं काफी पर्यटक
आसियान देशों के साथ भारत सांस्कृतिक विरासत विशेष रूप से बौद्ध धर्म साझा करता है. इस वजह से सदस्य देशों से भारत आने वाले पर्यटकों की संख्या काफी अच्छी रहती है. इसी के मद्देनजर यूपी के कुशीनगर हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा बनाया जा रहा है. माना जाता है कि कुशीनगर में ही गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था.