नई दिल्ली: भारतीय सेना (Indian Army) ने सेना दिवस (Army Day) के दिन अपनी नई कॉम्बेट यूनिफॉर्म यानी ऑपरेशन के समय पहनी जाने वाली वर्दी को प्रदर्शित किया. पैराशूट रेजीमेंट के कमांडो परेड ग्राउंड पर नई डिजिटल पैटर्न वाली यूनिफॉर्म में मार्च करते हुए नजर आए. आपको बता दें कि एक दशक से भी ज्यादा समय बाद सेना ने अपनी यूनिफॉर्म में बदलाव किया है.


सैनिकों के लिए आरामदेह रहेगी यूनिफॉर्म


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नई यूनिफॉर्म में डिजिटल पैटर्न के साथ-साथ कपड़े में भी बदलाव किया गया है. नई यूनिफॉर्म में 70 प्रतिशत कॉटन और केवल 30 प्रतिशत पॉलिस्टर का इस्तेमाल किया गया है. इससे यूनिफॉर्म पहनना भारतीय नम और गर्म जलवायु में सैनिकों के लिए आरामदेह रहेगा. इस कपड़े से यूनिफॉर्म को लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सकेगा और उसे सूखने में कम समय लगेगा.


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जंगलों और रेगिस्तानी इलाकों को ध्यान में रखकर बनाया गया है


यूनिफॉर्म को भारत के जंगलों और रेगिस्तानी इलाकों को ध्यान में रखकर ओलिव ग्रीन में मटमैले रंगों को मिलाकर डिजाइन किया गया है ताकि इससे अलग-अलग इलाके में सैनिक को छिपने में मदद मिलेगी. कपड़ा हल्का है इसलिए इसे लंबे समय तक पहनना भी आरामदेह होगा. इस यूनिफॉर्म को चुनने में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी के 8 छात्रों और प्रोफेसर्स के एक ग्रुप ने साल भर से ज्यादा समय तक मेहनत की है. इसे बनाने में इसे टिकाऊ, हल्का, आरामदेह और हर इलाके में छिपने में मदद देने की खासियत का ध्यान रखा गया है. 


यूनिफॉर्म पहनने का भी बदलेगा तरीका


नई यूनिफॉर्म को पहनने के अंदाज में भी अंतर है. अभी भारतीय सेना जो कॉम्बेट यूनिफॉर्म पहनती है उसमें शर्ट को पैंट के अंदर दबाकर ऊपर से बेल्ट लगाई जाती है. नई यूनिफॉर्म को दूसरी विदेशी सेनाओं की यूनिफॉर्म की तरह पैंट से बाहर शर्ट को रखकर पहना जाएगा. इससे सैनिक को कामकाज करने में ज्यादा आसानी होगी. 


2000 के दशक में किया था अपनी कॉम्बेट यूनिफॉर्म में बदलाव


बता दें, भारतीय सेना ने 2000 के दशक में अपनी कॉम्बेट यूनिफॉर्म में बदलाव किया था जब उसने इसमें भारतीय सेना छापना शुरू कर दिया था. ऐसा इसलिए किया गया था ताकि इस यूनिफॉर्म की नकल न की जा सके. दावा ये किया जा रहा है कि नई यूनिफॉर्म की नकल करना आसान नहीं होगा और इसके आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने का अंदेशा नहीं रहेगा. 


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लिट्टे की वर्दी से नहीं है समानता


भारतीय सेना के सूत्रों ने इस बात का भी खंडन किया है कि नई यूनिफॉर्म श्रीलंका के तमिल उग्रवादी संगठन Liberation Tigers of Tamil Elam यानी लिट्टे की वर्दी से कोई समानता है. सेना के एक अधिकारी ने बताया कि कपड़े या पैटर्न में कहीं कोई समानता नहीं है.


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