श्रीनगर: राज्यपाल सत्यपाल मलिक का कश्मीरी युवाओं को आतंक का रास्ता छोड़ बातचीत करने के न्योते के बाद सेना ने युवाओं को मुख्यधारा में लाने की कोशिश तेज कर दी है. दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में हाल ही में आतंकवादियों में शामिल हुए युवाओं को वापस लाने के लिए सेना पहल कर रही है. सेना के अल्लाह अधिकारी दक्षिण कश्मीर के ज़िलों में हाल ही में आतंकवादियों में शामिल हुए युआ के परिवारों तक पहुंचना शुरू कर दिया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आतंकवाद ग्रस्त जिला शोपियां से यह पहल हुई है, जहां अरीना शोपियां गावों का पढ़ा लिखा युवा कामरान खुर्शीद जो सैनिक स्कूल में पढ़ा है. आतंकी संगठन में हाल ही में शामिल हुआ है. सेना के अफसर उसके घर पहुंचे और परिवार के लोगों के साथ एक घंटे समय बिताया. उन्हें समझाया की आतंक के रास्ते पर चलने से कुछ हासिल नहीं होगा. अफसर ने परिवार को आश्वासन दिया कि अगर वह अपने बेटे को वापस लौटाने की शुरुआत करेंगे तो सेना और सरकार उनका पूरा सहयोग करेगी.


44 आरआर के कमांडिंग अफसर एके सिंह ने कहा, 'हमने एक मुहीम चलायी है जो भी लोग गलत रास्ते पर चले गए हैं और हथियार उठा रहे हैं वे वापस लौट आएं. यह पढ़ा लिखा बच्चा है. सैनिक स्कूल में पढ़ा है, सैनिक बना चाहता था, मगर गलत लोगों की बातों में आ गया. हम चाहते है कि वह वापस आएं.' उन्होंने कहा कि इनका परिवार भी अच्छा है सब सरकारी मुलाज़िम हैं. इनका फर्ज बनता है कि यह अपने बच्चे वापस सही राह पर लाएं. एके सिंह ने कहा, 'यह मुहीम हमारी तरफ से शुरू हुई है. हम नहीं चाहते हमारे हाथ से कोई बेकसूर मारा जाए, जो भी पुराने या नए आतंकी हैं उनके घर जाएं उनसे निवेदन करें कि अपने बच्चों वो वापस बुलाएं ताकि इलाके में अमन और शांति हो.