नई दिल्ली: भारतीय सेना के लिए पहली एके 203 राइफल के अक्टूबर में मिलने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरें मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन साझा तौर पर इसे लॉन्च कर सकते हैं.


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शुरुआती 20 हज़ार राइफलें रूस से बनकर आएंगी और बाकी को उत्तर प्रदेश के अमेठी के पास कोरवा के कारखाने में बनाया जाएगा. भारत-रूस की साझेदारी में शुरू होने वाले इस प्रोजेक्ट के तहत कुल साढ़े सात लाख राइफलें बनाई जाएंगी. 


भारत और रूस ने 2018 अक्टूबर में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. भारतीय सेना को पिछले दशक से एक बेहतर असाल्ट राइफल की तलाश थी. रूस के साथ एके 103 राइफलों के सौदे पर पिछले दशक से चर्चा चल रही थी लेकिन ये फैसला लटका हुआ था.


भारत सरकार ने 2018 में ज्यादा आधुनिक एके 203 राइफल के सौदे को मंजूरी दे दी. जिनका लाइसेंस के तहत भारत में निर्माण होना है. भारत में बनने वाली राइफलों में से सेना को ही 6 लाख 70 हजार राइफलों की ज़रूरत है. बाकी राइफलों का निर्माण दूसरे सुरक्षा बलों के लिए किया जाएगा.


रक्षा मंत्रालय ने 11 अगस्त को इस प्रोजेक्ट में तेज़ी लाने के निर्देश दिए थे. अमेठी में बनने वाली एके 203 राइफलों को दूसरे देशों को बेचने की संभावनाओं पर भी विचार किया जा रहा है. इस साझा प्रोजेक्ट में भारत सरकार की ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड के 50.5 प्रतिशत शेयर हैं. जबकि रूसी कंपनी क्लाश्निकोव के 42 प्रतिशत और रोसोबोरोन एक्सपोर्ट के 7.5 प्रतिशत शेयर हैं. 


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