विराट कोहली के नेतृत्‍व में टीम इंडिया ने 26 साल बाद दक्षिण अफ्रीका में फतह के झंडे गाड़े हैं. छह वनडे सीरीज हारने के बाद पहली बार वहां की सरजमीं पर टीम इंडिया ने जीत हासिल की है. दक्षिण अफ्रीका की तेज उछाल लेती पिचों पर 26 सालों तक हार के बाद जीत का यह स्‍वाद भारतीय टीम के लिए खासा ऐतिहासिक मायने रखती है. इन सबके बीच क्रिकेट से लेकर सियासी पिच तक दक्षिण अफ्रीका का भारत से गहरा ऐतिहासिक नाता रहा है. अंग्रेजी राज में यहां से गए गिरमिटिया लोगों ने अपने खून-पसीने से दक्षिण अफ्रीका को जहां सींचा तो वहीं अफ्रीका ने भी मोहनदास करमचंद गांधी को महात्‍मा गांधी बनाने में अहम भूमिका निभाई. गांधी के सत्‍य और अहिंसा के प्रयोग दक्षिण अफ्रीका की धरती पर देखने को मिले. उन संघर्षों के अनुभव ने भारत के सियासी क्षितिज पर गांधी के रास्‍ते को आसान बनाया.   


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1. सात जून, 1893 की रात जब महात्‍मा गांधी प्रिटोरिया जा रहे थे तो एक गोरे अंग्रेज ने फर्स्‍ट क्‍लास में उनकी उपस्थिति का विरोध किया. फर्स्‍ट क्‍लास टिकट होने के बावजूद कंडक्‍टर ने भी उनसे डिब्‍बे से उतरकर तीसरे दर्जे में सफर करने के लिए कहा. उन्‍होंने विरोध किया और उनको पीटरमैरिट्जबर्ग स्‍टेशन पर उतार दिया गया. सर्दियों की वह रात उन्‍होंने वेटिंग रूम में गुजारी और अंग्रेजों की रंगभेदी नीति का विरोध करने का निर्णय किया.


2. नतीजतन महात्‍मा गांधी ने 1894 में नटाल इंडियन कांग्रेस का गठन किया. इसके माध्‍यम से उन्‍होंने स्‍थानीय अफ्रीकी और भारतीयों को अंग्रेजी हुकूमत की रंगभेदी और दमनकारी नीतियों के खिलाफ अहिंसक आंदोलन चलाकर प्रेरित करना शुरू किया.


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3. 1899 में बोअर युद्ध के दौरान गांधी ने करीब एक हजार भारतीयों को एकत्र कर इंडियन एंबुलेंस कोर्प्‍स का गठन किया. इसके माध्‍यम से अंग्रेजों की मदद की. उनको उम्‍मीद थी कि इसके बदले अंग्रेज, भारतीयों के प्रति सहानुभूति दिखाना शुरू करेंगे. लेकिन उनकी दमनकारी नीतियां नहीं बदलीं.


4. ट्रेन में सफर के दौरान उन्‍होंने अंग्रेज कलाकार जॉन रस्किन की किताब Unto This Last से प्रेरित होकर डरबन के निकट फीनिक्‍स फार्म का गठन किया. कहा जाता है कि इसी फार्म हाउस से सत्‍याग्रह का उदय हुआ क्‍योंकि यहीं पर उन्‍होंने अपने सहयोगियों को अहिंसक सत्‍याग्रह का पाठ पढ़ाया. इसके बाद टेल्‍सटॉय फार्म का गठन किया.


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5. सितंबर, 1906 में गांधी ने ट्रांसवाल एशियाटिक आर्डेनेंस के विरोध में पहला सत्‍याग्रह किया. इसको स्‍थानीय भारतीयों के खिलाफ बनाया गया था. 1907 में उन्‍होंने ब्‍लैक एक्‍ट के तहत सत्‍याग्रह का गठन किया.


6. 1908 में अहिंसक आंदोलन चलाने के लिए उनको पहली बार जेल भेजा गया. उसके बाद जनरल स्‍मट्स से मीटिंग के बाद उनको रिहा किया गया. उसके बाद उन्‍होंने दोबारा सत्‍याग्रह किया और फिर उनको जेल में डाल दिया गया.


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7. 1909 में उनको वोक्‍सहर्ट और प्रिटोरिया में तीन महीने की सजा हुई. वहां से रिहा होने के बाद भारतीय समुदाय की मदद हासिल करने के लिए ब्रिटेन गए.


8. ट्रांसवाल में भारतीय खनन श्रमिकों की मांग के समर्थन में शांतिपूर्ण विरोध का आयोजन किया. इसके तहत ट्रांसवाल बॉर्डर तक 2000 भारतीयों का नेतृत्‍व किया.


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9. 1915 में भारत आने के बाद उनके तौर-तरीकों को अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस ने अपनाया. इस पार्टी के नेता नेल्‍सन मंडेला ने महात्‍मा गांधी को अपना प्रणेता माना और रंगभेद के खिलाफ संघर्ष किया.


10. 1994 में लंबे संघर्ष के बाद दक्षिण अफ्रीका, अंग्रेजी दासता से मुक्‍त हुआ. नेल्‍सन मंडेला पहले अश्‍वेत राष्‍ट्रपति बने. उनको गांधी शांति पुरस्‍कार और भारत रत्‍न से भारत सरकार ने नवाजा.