Indian Navy: इंडियन नेवी ने एक बार फिर समुद्री डाकुओं को सबक सिखाते हुए अपहृत जहाज को छुड़ा लिया है. इंडियन नेवी ने सोमालिया के पूर्वी तट पर डाकुओं के खिलाफ मोर्चा संभाला. डाकुओं ने कई दिनों से जहाज पर कब्जा कर रखा था. इंडियन नेवी ने उन्हें सरेंडर के लिए कहा. डाकुओं ने फायरिंग शुरू कर दी. जिसके बाद इंडियन नेवी के कमांडोज ने कुछ घंटे के ऑपरेशन के बाद जहाज पर नियंत्रण पा लिया.


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तीन महीने पहले हुआ था अपहरण


अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि समुद्री डाकू रुएन नामक एक मालवाहक जहाज पर सवार थे जिसका करीब तीन महीने पहले अपहरण किया गया था. इंडियन नेवी ने कहा, ‘समुद्र में अपहरण के कृत्यों को अंजाम देने के लिए एमवी रुएन का समुद्री डाकुओं के जहाज के रूप में इस्तेमाल किये जाने की जानकारी है. इस जहाज का 14 दिसंबर को सोमालिया के समुद्री डाकुओं ने अपहरण कर लिया था.’


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डाकुओं ने की फायरिंग


उसने बताया कि इंडियन नेवी के एक युद्धपोत ने 15 मार्च को इस जहाज का पीछा किया और रोका. नेवी ने बताया कि जहाज से भारतीय युद्धपोत पर गोलीबारी की गई और भारतीय जहाज की ओर से आत्म रक्षा में और नौवहन तथा नाविकों को समुद्री डाकुओं के खतरे से बचाने के लिए आवश्यक न्यूतनम बल के साथ समुद्री डकैती से निपटने के वास्ते अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार कार्रवाई की गई.


इंडियन नेवी ने दिया मुंहतोड़ जवाब


इंडियन नेवी ने एक बयान में कहा, ‘जहाज पर सवार समुद्री डाकुओं से आत्मसमर्पण करने तथा उनके द्वारा बंधक बनाए जहाज तथा नागरिक को रिहा करने का आह्वान किया गया.’ इसमें कहा गया है, ‘इंडियन नेवी इस क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और नाविकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.’


बंधक चालक दल को छुड़ाया गया


नौसेना ने बताया कि शुक्रवार को एक भारतीय युद्धपोत और लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमान ने बांग्लादेश के एक मालवाहक जहाज का अपहरण किए जाने के बाद उसकी मदद की. इंडियन नेवी ने बताया कि सशस्त्र समुद्री डाकुओं द्वारा बंधक बनाए गए चालक दल के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित की गयी और इंडियन नेवी के युद्धपोत ने सोमालिया के जल क्षेत्र में पहुंचने तक जहाज के करीब अपनी उपस्थिति बनाए रखी.


इंडियन नेवी का कमाल


पिछले कुछ हफ्तों में इंडियन नेवी ने पश्चिमी हिंद महासागर में कई व्यापारी जहाजों पर हमलों के बाद उनकी सहायता की है.