Indian Railway: देश में बेराजगारी की समस्या काफी बड़ी है. पढ़े लिखे युवा सरकारी नौकरी पाने के लिए दिन रात मेहनत करते हैं. देश के ज्यादातर सरकारी ऑफिस में ग्रुप डी कर्मचारी नहीं होते. लेकिन भारतीय रेलवे में आज भी चपरासी, खलासी, गेटमैन ट्रैकमेन, जैसे कर्मचारियों को ग्रुप डी कर्मचारी कहा जाता है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि रेलवे के ग्रुप डी के कर्मचारी कार से ड्यूटी नहीं आ सकते. हाल ही में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां ग्रुप डी के एक कर्मचारी पर कार से ड्यूटी करने पर एक्शन का सामना करना पड़ा.


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कार से ड्यूटी पर आया था गेटमैन


अंग्रेजी अखबार पायनियर की एक खबर के मुताबिक, ये घटना यूपी के हापुड़ से सामने आई है. हापुड़ में एक रेलवे क्रॉसिंग पर तैनात गेटमैन बीते 23 और 24 जुलाई को ड्यूटी पर थे. इसी दौरान उत्तर रेलवे के प्रिंसिपल चीफ इंजीनियर (PCE) सतीश कुमार पाण्डेय दिल्ली लखनऊ एसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस (12430) से इंस्पेक्शन कर रहे थे. उन्होंने देखा कि रेलवे क्रॉसिंग के पास एक कार पार्क है. PCE ने तुरंत इस बारे में जानकारी ली. अधिकारी को पता चला की ये कार गेटमैन की है वो इसी से ड्यूटी करने आता है.



रेलवे अधिकारियों ने किया एक्शन


कार से ड्यूटी पर आने पर गेटमैन पर एक्शन हो गया. सीनियर सेक्शन इंजीनियर (SSE) ने गेटमैन को नोटिस जारी कर दिया. इसमें कहा गया कि प्राइवेट फेमिली कार से ड्यूटी पर आना रेलवे के प्रोटोकाल (Railway Protocol) का उल्लंघन है. इतना ही नहीं इस नोटिस में वकायदा बताया गया कि गेटमैन ने रेलवे प्रशासन अधिनियम 1968 के पैरा संख्या 3 का उल्लंघन किया है. नोटिस में आगे कहा गया, 'आपके द्वारा कर से ड्यूटी करना रेल प्रोटोकाल के उल्लंघन में आता है. अत: आपका यह कृत्य ड्यूटी के प्रति लापरवाही दर्शाता है.'


जानिए क्या कहते हैं नियम


रेलवे कर्मचारी से इस मसले पर लिखित जवाब मांगा गया है. जब रेलवे के इस नियम के बारे में रेलवे के एक सीनियर अधिकारी से पूछा गया, तो पता चला कि रेलवे कानून के खंड रेलवे सेवक (अनुशासन और अपील) नियम 1968 हैं. रेल सेवकों को चार्जशीट करते समय उन्हें ये बताया जाता है. इस नियम के खंड और उपधारा में उल्लेख किया गया है कि सभी रेल सेवक हर समय-(i) पूर्ण सत्यनिष्ठा बनाए रखेंगे; (ii) कर्तव्य के प्रति समर्पण बनाए रखेंगे और (iii) ऐसा कुछ भी न करें जो रेल सेवक के लिए अशोभनीय हो.



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