कोलकाता में अब मेट्रो ट्रेन पानी के अंदर से गुजरेगी. दरअसल, कोलकाता में मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कोरिडोर के तहत हुगली नदी में पानी के अंदर सुरंग का काम पूरा हो गया है. इस सुरंग को बनाने में 120 करोड़ रुपये का खर्च आया है. नदी में बनी ये अपने तरह की भारत की पहली सुरंग है, जिसमें से गुजरते हुए यात्रियों को शानदार अहसास होगा. 520 मीटर लंबे इस सुरंग को पार करने में ट्रेन को 45 सेकंड का समय लगेगा.


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‘यूरोस्टार’ के लंदन-पेरिस कोरिडोर की तर्ज पर इस सुरंग को तैयार किया जा रहा है. दिलचस्प ये है कि इस सुरंग को जमीन से 33 मीटर और नदी की तलहटी से 13 मीटर नीचे तैयार किया जा रहा है. ये सुरंग पश्चिम में पूर्वी हावड़ा मैदान को आईटी केंद्र सॉल्ट लेक सेक्टर पांच से जोड़ती है.


ये कोलकाता के ईस्ट वेस्ट मेट्रो कोरिडोर का हिस्सा है. 520 मीटर लंबी इस सुरंग का काम पूरा हो गया है. अब एस्प्लेनेड और सियालदह के बीच के 2.5 किलोमीटर के निर्माण का पूरा होते ही इसे चालू कर दिया जाएगा. उम्मीद है कि दिसंबर 2023 में इस कॉरिडोर से ट्रेनें चलने लगेंगी.


क्या होगा फायदा?


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कोलकाता मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के महाप्रबंधक (सिविल) शैलेश कुमार ने बताया कि कोलकाता मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कोरिडोर के लिए इस सुरंग को बनाना जरूरी था. यह कई मायने में महत्वपूर्ण है. यहां घनी आबादी और टेक्निकल समस्याओं की वजह से नदी के अंदर से रास्ता निकालना ही एकमात्र संभव तरीका था.


उन्होंने कहा, ‘हावड़ा और सियालदह के बीच के रूट पर इस सुरंग के बन जाने से समय की बचत होगी. पहले इस दूरी को पाटने में 1.5 घंटे का समय लगता था जिसे अब 40 मिनट में पूरा किया जा सकेगा. साथ ही दोनों छोड़ पर भीड़ को कम करने में भी ये सुरंग अहम साबित होगी.’ भविष्य के खतरों को देखते हुए सुरंग पानी के प्रेशर और उसके प्रवाह को ध्यान में रखते हुए अनेकों उपाय किए गए हैं.


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