वाशिंगटन: अमेरिका में पिछले कई दशकों से वैदिक शिक्षा प्रदान कर रहे आर्ष विद्या गुरुकुलम् के उपाध्यक्ष स्वामी प्रत्यागबोधनंद (Swami Pratigabodhananda) का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है. उनकी पार्थिव देह को अंतिम संस्कार के लिए भारत लाया गया है.


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जानकारी के मुताबिक अमेरिका में रह रहे कई छात्रों ने वहां पर वेदांत की पारंपरिक शिक्षा देने वाले गुरुकुल की स्थापना करने की मांग की थी. जिसके बाद 1986 में पीएम मोदी के आध्यात्मिक गुरु स्वामी दयानंद सरस्वती ने पेंसिल्वेनिया में इस आर्ष विद्या गुरुकुलम् की स्थापना की. 


स्वामी प्रत्यागबोधनंद (69) इसी गुरुकुलम में उपाध्यक्ष थे. गुरुकुलम् के 20 सितंबर को हुए 34वें वर्षगांठ समारोह में भाग लेने के बाद उन्हें सीने में दर्द और घबराहट की समस्या हुई. इसके तुरंत बाद उन्हें इलाज के के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. 


स्वामी प्रत्यागबोधनंद अंग्रेजी, गुजराती और हिंदी भाषाओं में धाराप्रवाह बोलते थे. वे भागवद गीता, उपनिषदों और पंचदशी के अलावा तुलसी रामायण और भागवत पुराण पढ़ाया करते थे. उनकी 22 सितंबर को एयर इंडिया के विमान से भारत जाने की योजना थी. लेकिन इससे पहले ही वे दुनिया छोड़ गए. अब एयर इंडिया के विमान से 25 सितंबर को उनका शव मुंबई लाया गया है. 


स्वामी प्रत्यागबोधनंद के भारत में, खासकर मुंबई और सूरत में बड़ी संख्या में अनुयायी हैं. उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए सूरत में रखा गया है. उनका अंतिम संस्कार आज वडोदरा के चणोद में होगा.


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