नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने बृहस्पतिवार को कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध (War) के दौरान भारत का रुख दृढ़ और स्पष्ट रहा है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन (Ukraine) के घटनाक्रमों के मद्देनजर भारत इस बात पर बल देता रहा है कि वैश्विक व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और राष्ट्रों की क्षेत्रीय अखंडता (Integrity) और संप्रभुता (Sovereignty) के सम्मान पर आधारित है. जयशंकर ने राज्य सभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह बात कही.


विदेश मंत्री का बयान


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उन्होंने आगे कहा, ‘भारत का रुख दृढ़ और स्पष्ट रहा है और उसने बिगड़ती हुई स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए हिंसा को तत्काल रोकने और हर प्रकार की शत्रुता को समाप्त करने का आह्वान किया है.’ जयशंकर का यह बयान यूक्रेन पर हमले के लिए रूस (Russia) की आलोचना ना करने, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मतदान के दौरान तटस्थ रहने और पश्चिमी देशों में भारत के इन कदमों को लेकर बढ़ रहे असंतोष की पृष्ठभूमि में आया है. उन्होंने कहा, ‘उच्चतम स्तर पर वैश्विक नेताओं के साथ हमारी बातचीत से हमने संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य राष्ट्रों के साथ एक बात पर बल दिया है कि वैश्विक व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय कानून (Global Order International Law), संयुक्त राष्ट्र चार्टर (UN Charter) और राष्ट्रों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान पर आधारित है.’ 


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तत्काल युद्धविराम का किया था आग्रह


विदेश मंत्री ने कहा, ‘विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों और निकायों में यूक्रेन (Ukraine) की स्थिति पर हमारे पक्ष से यह तर्क रिफ्लेक्ट होता है.’ उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद और महासभा में भारत ने तत्काल युद्धविराम (Ceasefire) और फंसे हुए नागरिकों को सुरक्षित मार्ग प्रदान करने का आग्रह किया है. उन्होंने आगे कहा, ‘संकट की घड़ी में हमने यूक्रेन और उसके पड़ोसियों को दी गई माननीय सहायता पर भी संयुक्त राष्ट्र में प्रकाश डाला है.’ जयशंकर ने कहा कि इस संकट के सामने आने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने रूस, यूक्रेन और उसके पड़ोसियों के साथ-साथ अन्य प्रमुख विश्व नेताओं के साथ बात की. 


प्रधानमंत्री के योगदान की बात कही


जयशंकर ने बताया कि प्रधानमंत्री ने सभी संबंधित पक्षों को भारत (India) के सुविचारित-दृष्टिकोण से अवगत कराया कि कूटनीति (Diplomacy) और संवाद के रास्ते के अलावा कोई और विकल्प नहीं है. विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 26 फरवरी और 7 मार्च को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (President Volodymyr Zelensky) से दो बार बात की. उन्होंने कहा, ‘इन वार्ताओं में प्रधानमंत्री ने चल रहे संघर्ष को उसके परिणामस्वरूप मानवता पर आए संकट के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की. प्रधानमंत्री ने हिंसा को तत्काल समाप्त करने के अपने आह्वान को दोहराया और कहा कि भारत हमेशा मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान और दोनों पक्षों के बीच सीधी बातचीत का समर्थक रहा है.’ 


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22 हजार से ज्यादा भारतीयों को किया रेस्क्यू


उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने यूक्रेन से 22 हजार से अधिक भारतीय नागरिकों को निकालने की सुविधा प्रदान करने और मदद करने के लिए यूक्रेनी ऑथॉरिटीज को भी धन्यवाद दिया. जयशंकर ने बताया कि इसके अलावा प्रधानमंत्री ने 24 फरवरी, 2 मार्च और 7 मार्च को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) से बात की और इस दौरान पुतिन ने यूक्रेन और रूसी दलों के बीच वार्ता की स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने रूस और चीन (China) के बीच चल रही वार्ता का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि इससे संघर्ष समाप्त हो जाएगा. उन्होंने सुझाव दिया कि राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच सीधी बातचीत से चल रहे शांति प्रयासों में बहुत मदद मिल सकती है.’



(इनपुट - भाषा)


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