INS विराट ने शुरू की अपनी अंतिम यात्रा, करीब 30 साल तक रहा भारतीय नौसेना की शान
भारतीय नौसेना से रिटायर विमानवाहक पोत INS ‘विराट’ मुंबई से अपनी आखिरी यात्रा पर रवाना हो चुका है.
मुंबई: भारतीय नौसेना से रिटायर विमानवाहक पोत INS ‘विराट’ मुंबई से अपनी आखिरी यात्रा पर रवाना हो चुका है. इसे गुजरात के भावनगर स्थित अलंग ले जाया जा रहा है, जहां दुनिया के सबसे बड़े शिप ब्रेकिंग यार्ड में तोड़ दिया जाएगा.
करीब 30 साल भारतीय नौसेना की शान रहे आइएनएस विराट को छह मार्च, 2017 को भारतीय नेवी की सेवा से मुक्त कर दिया गया था. ये जहाज भारत से पहले ब्रिटेन की रॉयल नेवी में एचएमएस हर्मिस के रूप में 25 साल तक अपनी सेवाएं दे चुका था. इसके बाद 1987 में INS विराट को इंडियन नेवी में शामिल किया गया.
देश के कई समुद्री ऑपरेशनों में निभाई अहम भूमिका
करीब 226 मीटर लंबे और 49 मीटर चौड़े आईएनएस विराट ने भारतीय नौसेना में शामिल होने के बाद जुलाई 1989 में ऑपरेशन जूपिटर में श्रीलंका में शांति स्थापना के ऑपरेशन में हिस्सा लिया. साल 2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद ऑपरेशन पराक्रम में भी विराट की भूमिका थी. समुद्र के इस महायोद्धा ने दुनिया के 27 चक्कर लगाए. जिसमें इसने 1 करोड़ 94 हजार 215 किलोमीटर का सफर किया.
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चलते फिरते छोटे शहर जैसा था INS विराट
ये जहाज़ अपने आप में एक छोटे शहर जैसा था. इस पर लाइब्रेरी, जिम, एटीएम, टीवी और वीडियो स्टूडियो, अस्पताल, दांतों के इलाज का सेंटर और मीठे पानी का डिस्टिलेशन प्लांट जैसी सुविधाएं थीं. जितना गौरवशाली ये जहाज़ था उतनी ही गौरवशाली इसकी विदाई भी थी. रिटायर किए जाने से पहले 23 जुलाई 2016 को विराट ने अपनी आखिरी यात्रा मुंबई से कोच्चि के बीच की थी. अपने पूरे कार्यकाल में यह 2250 दिनों तक समुद्र की लहरो से खेलता रहा था.
डि- कमीशन करने से पहले निकाल लिए गई जरूरी पार्ट
नौसेना से डि- कमीशन होने से पहले कोच्चि में इसके बॉयलर, इंजन, प्रोपेलर समेत दूसरी जरूरी चीजों को निकाल लिया गया था. इसके बाद ये महापोत 4 सितंबर 2016 को मुंबई पहुंचा था, जहां 28 अक्टूबर 2016 को इसे औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना की सेवा से रिटायर कर दिया गया. इसके साथ ही 6 मार्च 2017 को इसको आधिकारिक विदाई दे दी गई. इस जंगी जहाज़ को अंतिम विदाई देते समय इनमें से 21 कमांडिग ऑफिसर INS विराट
के DECK पर मौजूद थे. इस पोत के रिटायर होने से पहले ही भारतीय नौसेना को आईएनएस विक्रमादित्य के रूप में तीसरा विमानवाहक पोत मिल चुका था.
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करीब 15 सौ नौसैनिक रहते थे तैनात
हिंदुस्तान के पराक्रम का प्रतीक रहे 'INS विराट' पर सी हैरियर लड़ाकू विमान तैनात रहते थे. यह जहाज एंटी सबमरीन एयरक्राफ्ट से भी लैस था. इस पर करीब 15 सौ नौसैनिक हर समय तैनात रहते थे. इसने देश की पूर्वी और पश्चिमी समुद्री सीमा में अपनी सेवा दी. वर्ष 1987 में सेवा में आने के 30 साल बाद यह सेवा से रिटायर हो गया.