Kanpur Violence: कानपुर में हिंसा कैसे भड़की? जानिए दंगों की साजिश की इनसाइड स्टोरी
Kanpur clash inside story: पुलिस की जांच में बेकनगंज और आस-पास के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में हुई हिंसा के पीछे PFI का कनेक्शन भी सामने आया है. इसमें पता चला है कि हिंसा की साजिश पूरी तैयारी के साथ रची गई थी. दरअसल ये दंगों के जरिए यूपी (UP) को फिर से दहलाने की साजिश थी.
Kanpur Violence inside story: कानपुर में जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा और बवाल के मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के बाद दंगे भड़काने की साजिश के राज खुलने लगे हैं. इस हिंसा के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी (Zafar Hayat Hashmi) को आज कानपुर पुलिस कोर्ट में पेश करेगी. पुलिस उसकी 14 दिनों की रिमांड मांगेगी ताकि इस कांड को अंजाम देने वालों की एक-एक हरकत को कड़ी दर कड़ी जोड़ते हुए किसी नतीजे पर पहुंचा जा सके. हिंसा के इन्हीं उलझे तारों को सुलझाने की शुरुआती पड़ताल में खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने जानबूझकर हिंसा फैलाने के लिए दिन, तारीख और समय सब कुछ पहले से तय कर दिया था.
हयात जफर हाशमी खोलेगा हिंसा का हर राज
हालांकि अब इन दंगों की साजिश की एक-एक बात खुलकर सामने आने लगी है. दरअसल जिस वक्त कानपुर सुलग रहा था, ठीक उसी वक्त राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानपुर देहात के परौंख पहुंचे थे. जहां उनकी जनसभा चल रही थी. तो सवाल ये है कि कानपुर की हिंसा संयोग थी या कोई प्रयोग. शक इसलिए क्योंकि इस हिंसा का मास्टरमाइंड गिरफ़्तार किया जा चुका है.
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जौहर फैन्स एसोसिएशन घेरे में
बताया जा रहा है कि MMA जौहर फैन्स एसोसिएशन का अध्यक्ष हयात जफर हाशमी ही इस हिंसा का मुख्य आरोपी है. आरोप है कि हयात ने ही सोशल मीडिया के जरिए भीड़ इकट्ठा की थी. पुलिस के मुताबिक हयात CAA और NRC के विरोध प्रदर्शनों के दौरान भी सक्रिय रहा है. पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने बताया कि कई आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है खासकर वो जो हिंसा भड़काने के बाद शहर छोड़ कर फरार हो गए थे.
खातों की जांच करेगी पुलिस और ED
पुलिस कमिश्नर के मुताबिक ह्यूमन इंटेलिजेंस से मिली जानकारी के बाद सभी को ट्रेस करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपियों के पास 6 मोबाइल फोन बरामद हुए हैं. अब आरोपियों के बैंक खाते भी खंगाले जाएंगे. वहीं पुलिस का ये भी कहना है जरूरत पड़ने पर इस मामले में ED की मदद ली जाएगी. बताते चलें कि बेकनगंज इलाके में हिंसा से कुछ पहले इलाके में कुछ मौलानाओं की मीटिंग हुई थी और उस बैठक में खुद हयात जफर हाशमी भी मौजूद था.
हिंसा का PFI कनेक्शन
दरअसल हिंसा के पीछे पुलिस PFI कनेक्शन की भी जांच कर रही है और इसकी बड़ी वजह 3 जून को PFI ने पश्चिम बंगाल और मणिपुर में बाजार बंद रखने का ऐलान किया था और इसी दिन कानपुर में बाजार बंद कराने को लेकर हिंसा भड़की. यानी सीधे-सीधे अब इस मामले में PFI का भी भूमिका दिख रही है.
हिंदुओ की जमीन खाली कराने की साजिश
दरअसल अब तक जो जांच सामने आई है उससे तो यहीं लगता है कि सब कुछ सुनियोजित था. चश्मदीदों के मुताबिक यहां मौजूद चंदेश्वर हाते के पास भीड़ उग्र हो गई. पहले भीड़ दुकानों को बंद करा रही थी. फिर यहां पर पहुंचते ही भीड़ में शामिल लोगों ने हिंसा शुरू कर दी. यहां पथराव के साथ बमबाज़ी भी कई गई. बता दें कि चंदेश्वर हाते का इलाका हिंदू बाहुल्य है और आसपास के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मुस्लिम रहते हैं. लोगों का कहना है की उनसे ये हाता खाली कराने की कोशिश काफी समय से की जा रही है. अब तक 24 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
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समाजवादी पार्टी के विधायकों पर उठे सवाल
कानपुर हिंसा मामले में इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मो. सुलेमान ने समाजवादी पार्टी के विधायकों पर जिम्मेदारी नहीं निभाने का आरोप लगाया है. फिलहाल कानपुर में हालात सामान्य हैं जहां भारी सुरक्षा बल तैनात हैं. वहीं जांच में तेजी आने से आने वाले दिनों में इस मामले में और कई बड़े खुलासे होने की संभावना है.
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