नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो के आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को गिरफ्तारी से तीन जुलाई तक अंतरिम राहत दे दी. न्यायमूर्ति ए के पाठक ने चिदंबरम से कहा कि सीबीआई द्वारा जब भी तलब किया जाए वह पूछताछ सत्र में शामिल हों.


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अदालत ने जांच एजेंसी से कांग्रेस नेता की अग्रिम जमानत याचिका पर जवाब मांगा है और इस मामले में अगली सुनवाई तीन जुलाई को तय की है. सीबीआई की तरफ से पेश हो रहे अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुये कहा कि उन्हें सिर्फ पूछताछ के लिये बुलाया गया था.


चिदंबरम ने बीते 30 मई को एयरसेल-मैक्सिस मामले में गिरफ्तारी से बचाव के लिये एक सुनवाई अदालत में याचिका दायर की थी और इसके बाद आईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय में राहत के लिये याचिका दायर की. जांच एजेंसी ने इस मामले में पूछताछ के लिये उन्हें तलब किया था.



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इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार (30 मई) को दिल्ली की एक अदालत का रुख करते हुए एयरसेल मैक्सिस धन शोधन मामले में गिरफ्तारी से बचाव के लिए याचिका दायर की. वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी के समक्ष अग्रिम जमानत याचिका दायर की. विशेष न्यायाधीश ने चिदंबरम को पांच जून को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश होने के निर्देश दिए थे. ईडी ने भी चिदंबरम को सम्मन भेजा था.


अदालत ने ईडी को पांच जून तक जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया था. अदालत ने ईडी को यह भी निर्देश दिया था कि वह तब तक इस मामले में चिदंबरम के खिलाफ कोई कार्रवाई ना करें. चिदंबरम की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से अनुरोध किया कि वह इस बात पर विचार करते हुए उन्हें राहत दे कि पूर्व मंत्री की छवि साफ रही है और उनका समाज में गहरा प्रभाव है.