नई दिल्‍ली : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नोटिस जारी कर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को जोर बाग स्थित घर खाली करने के लिए कहा है. इस घर को ED ने पिछले साल अक्टूबर में INXMedia केस में अटैच किया था. ED ने ये नोटिस कार्ति को 31 जुलाई 2019 को जारी किया है. नोटिस में कहा गया है कि जोर बाग वाले घर की 50 फीसदी की हिस्सेदारी कार्ति की है, जिसे एजेंसी ने पिछले साल अक्टूबर में अटैच किया था और इसी साल 29 मार्च को इस अटैचमेंट को कनफर्म किया गया है. नोटिस में कहा गया है कि मकान को 10 दिनों के अंदर खाली कर दिया जाए.


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दरअसल, कार्ति के जोर बाग वाले घर में 50 फीसदी हिस्सेदारी कार्ति की है और बाकी की 50 फीसदी कार्ति की मां नलिनी चिदंबरम की है. नोटिस में ED ने कहा है कि इस घर की 50 फीसदी हिस्सेदारी जिस पर एजेंसी का हक है उसे अगले आदेश तक अपने पास रखेंगे.


इस मामले में कार्ति ने INXMedia को 2007 में Foreign Investment Promotion Board (FIPB) से मंजूरी दिलवायी थी. आरोप है कि उसी दौरान कार्ति के पिता पी चिदंबरम भारत सरकार में वित्त मंत्री थे और उन्होने नियमों से बाहर जाकर इस विदेशी निवेश को मंजूरी दी थी. 


CBI ने सबसे पहले इस मामले में 15 मई 2017 को केस दर्ज जांच शुरु की थी, जिसमें INXMedia को 305 करोड़ रुपये के विदेशी निवेश को FIPB से मंजूरी दिलवाई थी. इस मामले में इंद्राणी मुखर्जी वादा माफ गवाह भी बन चुकी है.



कार्ति चिदंबरम तमिलनाडु के शिवगंगा से लोकसभा सासंद है. कार्ति चिदंबरम को पिछले साल मार्च में CBI ने गिरफ्तार किया था और फिर ED ने भी पूछताछ की थी. फिलहाल कार्ति चिदंबरम जमानत पर बाहर है.