राकेश त्रिवेदी, मुंबई: 2008 के मुंबई आतंकी हमले के गुनाहगार शिकागो की जेल में बंद डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी की क्‍या मौत हो गई है? सूत्रों के हवाले से अपुष्‍ट खबरें आ रही है कि 19 मई को जेल में दो अन्‍य कैदियों के हमले में घायल होने के बाद गंभीर अवस्‍था में अस्‍पताल में भर्ती डेविड हेडली की नौ जुलाई को मौत हो गई है. इस तरह की अपुष्‍ट खबरें आ रही हैं कि पुलिस पर हमले के आरोप में 10 साल कैद की सजा काट रहे दो कैदियों ने 19 मई को डेविड पर हमला कर दिया था. उसके बाद एयरलिफ्ट कर डेविड को अस्‍पताल पहुंचाया गया और वहां से उसको आईसीयू में शिफ्ट किया गया.


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सूत्रों के मुताबिक आठ जुलाई को डेविड की मौत हो गई. खुफिया एजेंसी एफबीआई को मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. जब Zee News ने इस बारे में शिकागो के ब्‍यूरो ऑफ प्रिजन के जन सूचना अधिकारी से इस बारे में आधिकारिक बयान के बारे में पूछा तो जवाब दिया गया, 'हमारे पास उस व्यक्ति (हेडली) के बारे में सूचना नहीं है.' यह बयान अपने आप में संदेह उत्‍पन्‍न करता है.


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इसके बाद Zee News ने जब नार्थ शोर यूनिवर्सिटी इवांसटन हॉस्पिटल में डेविड के बारे में जानने की कोशिश की तो वहां बताया गया, ''इस वक्‍त हमारे यहां इस नाम(डेविड हेडली उर्फ दाऊद गिलानी) का कोई कैदी नहीं है.'' उल्‍लेखनीय है कि इस तरह की घटना के बारे में अमेरिका मीडिया में खबर तो प्रकाशित हुई थी लेकिन उसमें उस कैदी का नाम नहीं दिया गया था, जिस पर हमला हुआ था. इस संबंध में भारतीय एजेंसियों को आशंका है कि जिस घटना का जिक्र अमेरिकी मीडिया में किया गया, वह घटना डेविड हेडली से ही संबंधित थी? इस संबंध  में जी न्‍यूज ने एफबीआई और उसके जन सूचना अधिकारी से जानकारी मांगी लेकिन अभी तक कोई सूचना उपलब्‍ध नहीं हुई है. इस तरह की मीडिया रिपोर्ट भी आई हैं कि उस पर नौ जुलाई को हमला किया गया.


डेविड कोलमैन हेडली
26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए भीषण आतंकी हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी. हेडली पर आरोप था कि इस हमले से पहले उसने मुंबई समेत कई भारतीय शहरों की रेकी की थी. वह 2006 और 2008 में पांच बार भारत आया था. उसने मुंबई के होटल ताज, ओबरॉय होटल और नरीमन हाउस के नक्‍शे और वीडियो शूट किए थे. कहा जाता है कि इन्‍हीं सूचनाओं के आधार पर लश्‍कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई पर आतंकी हमला किया था. उसको 2009 में गिरफ्तार किया गया था. अमेरिकी कोर्ट ने उसको लश्‍कर-ए-तैयबा का सदस्‍य माना और इस आरोप में दोषी करार देते हुए उसको 35 साल जेल की सजा सुनाई थी.