कश्मीर: ISI ने पाकिस्तान (Pakistan) के आतंकी संगठनों, लश्कर-ए-तैयबा जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन को कश्मीर में खुफिया एजेंसियों को निशाना बनाने का काम सौंपा है. ISI ने इन आतंकी संगठनों से कहा है, कश्मीर में खुफिया एजेंसियों के लोगों की पहचान कर खत्म किया जाए.


मुज्जफराबाद में हुई मीटिंग


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आतंकवादियों के खिलाफ कार्रावाई से पाकिस्तान परेशान है. इस कार्रवाई में व्यवधान डालने के लिए ISI ने तीनों आतंकी संगठनों से PoK के मुज्जफराबाद में मीटिंग की. इसी बैठक के दौरान ये निर्देश दिए गए कि खुफिया एजेंसियों के लोगों की पहचान कर खत्म किया जाए. दरअसल, खुफिया एजेंसियों की जानकारी की वजह से आतंकियों को काफी नुकसान हो रहा है और सुरक्षाबल उन्हें अंजाम तक पहुंचा रहे हैं.


घाटी में आतंकवाद की टूटी कमर


इस बीच घाटी में सेना और अन्य सरक्षा, जांच एजेंसियों की कार्रवाई से आतंकवाद की कमर टूट रही है. आज भी एनआईए ने जम्मू-कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी से जुड़े सदस्यों के खिलाफ कई स्थानों पर छापे मारे. करीब दो साल पहले केंद्र ने आतंकवाद रोधी कानूनों के तहत इस धार्मिक समूह पर प्रतिबंध लगाया था. अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर के लगभग सभी जिलों और जम्मू क्षेत्र में रामबन, किश्तवाड़, डोडा और राजौरी समेत कुछ जिलों में जमात-ए-इस्लामी के सदस्यों के मकानों और कार्यालयों पर 45 से अधिक जगहों पर छापे मारे गए.


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आतंकवादियों को पनाह देने वालों पर शिकंजा


केंद्र ने फरवरी 2019 में आतंकवाद रोधी कानूनों के तहत इस आधार पर जमात-ए-इस्लामी को पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था कि वह आतंकवादी संगठनों के ‘करीबी संपर्क में’ था और उसके पूर्ववर्ती राज्य में ‘अलगाववादी आंदोलन को बढ़ाने’ की आशंका थी. गृह मंत्रालय ने सुरक्षा मामलों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत इस समूह को प्रतिबंधित करने वाली अधिसूचना जारी की थी.


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