यूपी उपचुनाव: अखिलेश यादव के लिए बड़ा झटका, 27 का सपना मुश्किल!
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यूपी उपचुनाव: अखिलेश यादव के लिए बड़ा झटका, 27 का सपना मुश्किल!

UP Bypoll Results: उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए नतीजे निराशाजनक साबित हुए. पार्टी ने 9 में से सिर्फ 2 सीटों पर जीत दर्ज की. यह नतीजा अखिलेश यादव के लिए बड़ा झटका है, खासकर जब उन्होंने इन सभी सीटों पर क्लीन स्वीप का दावा किया था.

यूपी उपचुनाव: अखिलेश यादव के लिए बड़ा झटका, 27 का सपना मुश्किल!

UP Bypoll Results: उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए नतीजे निराशाजनक साबित हुए. पार्टी ने 9 में से सिर्फ 2 सीटों पर जीत दर्ज की. यह नतीजा अखिलेश यादव के लिए बड़ा झटका है, खासकर जब उन्होंने इन सभी सीटों पर क्लीन स्वीप का दावा किया था. 2024 लोकसभा चुनाव में सपा ने 37 सीटों पर जीत हासिल कर विपक्ष में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई थी. लेकिन उपचुनाव में यह लीड बरकरार नहीं रख पाई. अब 2027 में सत्ता पाने का सपना अखिलेश के लिए और चुनौतीपूर्ण दिख रहा है.

अखिलेश ने क्या कहा?

अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, "अब तो असली संघर्ष शुरू हुआ है." हालांकि, वोटिंग के दिन उन्होंने अधिकारियों को धमकी देते हुए कहा था कि "किसी को बख्शा नहीं जाएगा." लेकिन नतीजे आने के बाद उनके तेवर नरम पड़े और उन्होंने संघर्ष पर जोर दिया.

योगी आदित्यनाथ का पलटवार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन नतीजों पर तंज कसते हुए कहा, "लूट और झूठ की राजनीति का अंत अब शुरू हो चुका है." यूपी के चुनावी मैदान में योगी और अखिलेश का सीधा मुकाबला बना हुआ है, जहां योगी ने इन नतीजों को अपनी नीतियों की जीत बताया.

जीत में भी छिपी हार

अखिलेश की पार्टी ने जिस सीट (सीसामऊ) पर चुनाव कैंसल करवाने की मांग की थी, वहां महज 8 हजार वोटों के अंतर से जीत हासिल की. हालांकि, 2022 में इस सीट पर पार्टी सिर्फ 222 वोटों से पीछे थी. यह दिखाता है कि सपा का प्रदर्शन पहले के मुकाबले बेहतर नहीं रहा.

महाराष्ट्र से मिली थोड़ी राहत

यूपी में भले ही सपा को निराशा हाथ लगी हो, लेकिन महाराष्ट्र में पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया. सपा ने वहां 2 सीटों पर चुनाव लड़ा और दोनों पर जीत दर्ज की. यह नतीजा अखिलेश यादव के लिए कुछ हद तक संतोषजनक रहा.

27 के लिए संघर्ष की तैयारी?

अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में संकेत दिया कि वह 2027 के लिए अभी से रणनीति बनाएंगे. लेकिन इन नतीजों ने सपा के लिए भविष्य की राह कठिन बना दी है. अगर अखिलेश को बीजेपी के सामने कड़ी चुनौती पेश करनी है, तो उन्हें संगठन और रणनीति पर फोकस करना होगा.

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