महाराष्ट्र चुनावः सोशल मीडिया पर 56 लाख फॉलोअर्स, लेकिन वोट सिर्फ 155!
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महाराष्ट्र चुनावः सोशल मीडिया पर 56 लाख फॉलोअर्स, लेकिन वोट सिर्फ 155!

Maharashtra Assembly Election Result 2024: महाराष्ट्र चुनाव की वर्सोवा विधानसभा सीट एक अनोखे कारण से चर्चा में है. यहां जीतने वाले उम्मीदवार से ज्यादा हारने वाले अभिनेता एजाज खान का नाम सुर्खियां बटोर रहा है.

महाराष्ट्र चुनावः सोशल मीडिया पर 56 लाख फॉलोअर्स, लेकिन वोट सिर्फ 155!

Maharashtra Assembly Election Result 2024: महाराष्ट्र चुनाव की वर्सोवा विधानसभा सीट एक अनोखे कारण से चर्चा में है. यहां जीतने वाले उम्मीदवार से ज्यादा हारने वाले अभिनेता एजाज खान का नाम सुर्खियां बटोर रहा है. एजाज ने चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था.

चंद्रशेखर ने मांगा समर्थन

एजाज खान को जिताने के लिए खुद चंद्रशेखर ने प्रचार किया और लोगों से भावनात्मक अपील की. उन्होंने एजाज को "जालिम सरकार से लड़ने वाला मुजाहिद" बताया और जनता से समर्थन की मांग की. लेकिन चुनावी नतीजे चौंकाने वाले रहे.

सोशल मीडिया का स्टार, मैदान में फेल

एजाज खान सोशल मीडिया पर एक बड़ा नाम हैं. उनके करीब 56 लाख फॉलोअर्स हैं. लेकिन इस डिजिटल लोकप्रियता को वो वोटों में बदलने में नाकाम रहे. वर्सोवा सीट पर उन्हें सिर्फ 155 वोट मिले. यह आंकड़ा उनकी सोशल मीडिया छवि के विपरीत है.

नोटा से भी कम वोट

एजाज खान की हालत इतनी खराब रही कि उन्हें "नोटा" (नोटा को वोट देने का विकल्प) से भी कम वोट मिले. जहां नोटा को 1298 वोट मिले, वहीं एजाज को सिर्फ 155 वोट ही हासिल हुए. यह नतीजा सोशल मीडिया पर एक मजाक का विषय बन गया.

सोशल मीडिया पर हो रही है चर्चा

एजाज खान के चुनावी प्रदर्शन ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है. लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या डिजिटल लोकप्रियता वास्तविक राजनीतिक समर्थन में बदल सकती है? एजाज का यह नतीजा डिजिटल और ग्राउंड रियलिटी के बीच बड़ा अंतर दिखाता है.

चंद्रशेखर की रणनीति पर सवाल

आजाद समाज पार्टी के लिए यह नतीजा भी झटका है. चंद्रशेखर का सपोर्ट और प्रचार के बावजूद एजाज खान वोट बटोरने में नाकाम रहे. इससे पार्टी की रणनीति और उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं.

वर्सोवा का यह सबक

वर्सोवा सीट का नतीजा एक बड़ा सबक है कि सोशल मीडिया फॉलोअर्स का आंकड़ा राजनीतिक जमीन पर कुछ खास मायने नहीं रखता. असली मुकाबला ग्राउंड लेवल पर काम और जनता से जुड़ाव पर आधारित होता है.

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