Satellite भेज वापस लौटा ISRO का `बाहुबली` लॉन्चर, उड़ गई सुपरपावर की नींद; ये है वजह
ISRO Launch Mission: भारतीय स्पेस एजेंसी (ISRO) ने ऐसी कामयाबी हासिल कर ली है जिससे अमेरिका (US) की नींद उड़ गई है. कमर्शिलय सैटेलाइट लॉन्चिंग के क्षेत्र में भारत का दबदबा लगातार बढ़ रहा है. इसरो की मदद से अब कम खर्च में सैटेलाइट लॉन्च हो सकेंगे.
ISRO RLV LEX Launch Mission: अंतरिक्ष (Space) की दुनिया में भारत को लीडर बनाने वाली खबर आई है. भारत (India) के इसरो ने वो काम किया है जिसे दुनिया के कुछ ही देश कामयाबी से पूरा कर पाए हैं. इसरो के वैज्ञानिकों ने कम खर्च में एक ऐसा लॉन्च व्हीकल तैयार किया है जो बार-बार किसी रॉकेट (Rocket) की तरह अंतरिक्ष में जाएगा और वापस आने के बाद किसी प्लेन की तरह रनवे पर लैंड कर जाएगा. इसरो की सैटेलाइट (Satellite) ले जाने वाली 'टैक्सी' की सफल लैंडिंग हुई है. कुछ इसी तरह भारतीय सैटेलाइट को अंतरिक्ष में पहुंचाकर, उन्हें भेजने वाले शटल वापस धरती पर आएंगे. ये इसरो का Reusable Launch Vehicle यानी RLV है जिसकी ऑटोमैटिक लैंडिंग की आज सफल टेस्टिंग हुई है.
ISRO को मिली बड़ी कामयाबी
बता दें कि इसकी लैंडिंग पूरी तरह से ऑटोमैटिक हुई, जिसमें किसी पायलट की जरूरत नहीं हुई. ये टेस्ट कर्नाटक के चित्रदुर्ग में डीआरडीओ (DRDO) के एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में हुआ. इसरो के RLV को टेस्ट करने के लिए वायुसेना और डीआरडीओ की मदद ली गई. रविवार सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर एयरफोर्स के शिनूक हेलीकॉप्टर ने करीब साढ़े चार किलोमीटर की ऊंचाई पर जाकर इसे रिलीज कर दिया. फिर ये Reusable Launch Vehicle अपने-आप लगभग 30 मिनट के बाद लैंड हो गया.
ISRO के RLV की खासियत
इसरो के मुताबिक, ये ट्रायल पूरी तरह से कामयाब रहा. ये सफल टेस्ट भारत के स्वदेशी अंतरिक्ष मिशन की बड़ी कामयाबी है. अब इसरो के Reusable Launch Vehicle की खासियत समझ लीजिए. जब भी रॉकेट की मदद से सैटेलाइट लॉन्च किए जाते हैं तो उन्हें कई चरणों से गुजरना होता है. ये रॉकेट सैटेलाइट को अंतरिक्ष में पहुंचाने के दौरान धरती की कक्षा में गिरकर नष्ट हो जाते हैं. इसरो का Reusable Launch Vehicle अंतरिक्ष में बार-बार सैटेलाइट भेजने के लिए इस्तेमाल हो सकता है. ये अंतरिक्ष में सैटेलाइट पहुंचाएगा और किसी प्लेन की तरह वापस रनवे पर आकर लैंड कर जाएगा.
सैटेलाइट लॉन्च करने में ISRO की नई क्रांति
अंतरिक्ष में सैटेलाइट लॉन्च करने में अब नई क्रांति आ रही है. RLV की सफल लॉन्चिंग से कमर्शियल स्पेस मार्केट में भारत का दबदबा और बढ़ सकता है. अमेरिका के पास भी ऐसा ही Launch Vehicle है जिसका नाम स्पेस शटल है. यह एक रोबोटिक स्पेसक्राफ्ट है जिसे रॉकेट की मदद से लॉन्च किया जाता है. इसरो ने भी अमेरिका की तरह Launch Vehicle को डिजाइन और लॉन्च किया है. ये अंतरिक्ष में जाने का सस्ता Made in India रॉकेट है. एक ही लॉन्च व्हीकल का बार-बार इस्तेमाल किया जा सकेगा. इससे खर्च भी बचेगा और कम समय में ही स्पेस में मिशन भेजा जा सकेगा. और पूरे देश के लिए ये इसरो पर गर्व करनेवाली कामयाबी है.
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