नए साल की पहली सुबह दहाड़ते हुए निकला अपना `महाबली`, ISRO डायरेक्टर बोले- हैपी न्यू ईयर
ISRO 2024 Mission: भारत के वैज्ञानिकों ने नए साल के पहले दिन बड़ी कामयाबी हासिल की है. एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह समेत कुल 11 उपग्रहों को लेकर पीएसएलवी रॉकेट रवाना हुआ. बाद में इसरो डायरेक्टर ने मिशन के सफल होने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही नया साल शुरू हो गया है.
ISRO XPoSat Launch: नए साल का पहला दिन कुछ लोग अभी सुबह की पहली चाय पी रहे थे, उधर इसरो का 'महाबली' यान गर्जना करते हुए आसमान की तरफ बढ़ चला. PSLV की गड़गड़ाहट भारतीयों के रोम-रोम में एक नया उत्साह भर रही थी. जैसे इसरो का यान आज अपने तरीके से 'हैपी न्यू ईयर' कह रहा हो. बाद में इसरो के डायरेक्टर सोमनाथ ने मिशन की सफलता की घोषणा करते हुए कहा भी कि इसके साथ नया साल शुरू हो गया है और वैज्ञानिकों के साथ पूरे देश में खुशियां मनाई गईं.
कानों में गूंजा 10, 9, 8...
इससे पहले PSLV- C58 रॉकेट लॉन्च के समय कानों में वो जानी पहचान आवाज गूंजने लगी. माइनस 30 सेकेंड. माइनस 20 सेकेंड. प्रमोचन से 15 सेकेंड की दूरी पर 10, 9, 8, 7...1, 0 और तालियां बजने लगीं. इसरो के लाइव टेलिकास्ट के दौरान हिंदी में उद्घोषणा हुई, 'जी हां, नए साल की पहली सुबह और प्रथम प्रमोचन श्रीहरिकोटा से... पीएसएलवी-सी58 अपनी तय कक्षा की ओर बढ़ रहा है.' शुरू में यान अधिकतम दाब से होकर गुजरा. प्रथम चरण का कुल प्रज्जवलन काल 110 सेकेंड का था, इसके बाद यह अलग हो गया. प्रथम चरण को अलग किया गया और दूसरा स्टेज शुरू हो गया... करीब 25 मिनट के बाद इसरो केंद्र में ऑनबोर्ड कैमरे से पृथ्वी का खूबसूरत नजारा देखा गया. तालियां फिर बजने लगीं. इसरो के वैज्ञानिकों ने एक दूसरे को बधाई दी.
नए साल का पहला मिशन
इसरो के एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह समेत कुल 11 उपग्रहों को लेकर जा रहे एक पीएसएलवी रॉकेट का आज प्रक्षेपण हुआ. बाद में XPoSat satellite को सफलतापूर्वक 650 किमी कक्षा में स्थापित कर दिया गया.
इसरो का पहला एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह यानी एक्सपोसैट एक्स-रे स्रोत के रहस्यों का पता लगाएगा. साथ ही ‘ब्लैक होल’ की रहस्यमय दुनिया का अध्ययन करने में मदद करेगा.
ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी58 रॉकेट अपने 60वें मिशन पर प्रमुख पेलोड ‘एक्सपोसैट’ और 10 अन्य उपग्रह लेकर गया. इसे सफलतापूर्वक पृथ्वी की निचली कक्षाओं में स्थापित कर दिया गया.
इसरो ने बताया है कि यह खगोलीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन को लेकर अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी का पहला विशेष उपग्रह है. यह अध्ययन अंतरराष्ट्रीय रूप से महत्वपूर्ण है.