INSAT-3 DS: आपदाओं का लगेगा पता, मिलेंगी मौसम की सटीक जानकारियां, इसरो ने स्पेस में भेजा `खबरी`
ISRO GSLV F14: इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से शाम 5.35 बजे लॉन्च किया गया. बेहतर मौसम पूर्वानुमान और मौसम संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए इस उपग्रह से क्रांतिकारी डेटा मिल सकता है.
Meteorological Satellite: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मौसम की सटीक जानकारी देने वाले सैटेलाइट INSAT-3DS को लॉन्च किया है. इस लॉन्च के साथ ही भारत ने अंतरिक्ष में एक और उड़ान भरी है. शनिवार को जियोसिन्क्रोनस लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) रॉकेट से इनसैट-3डीएस मौसम उपग्रह का प्रक्षेपण किया गया है. मिशन का उद्देश्य मौजूदा उपग्रहों इनसैट-3डी और इनसैट-3डीआर को उन्नत मौसम संबंधी जानकारियों के लिए निरंतर सेवाएं प्रदान करना, मौसम पूर्वानुमान, भूमि व महासागर सतहों की निगरानी कर आपदा संबंधी चेतावनियां देना, उपग्रह सहायता प्राप्त अनुसंधान और बचाव सेवाएं प्रदान करना है.
असल में इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से शाम 5.35 बजे लॉन्च किया गया. सैटेलाइट की लॉन्चिंग जीएसएलवी रॉकेट से की गई है. इसरो ने शनिवार को बताया कि जियोसिन्क्रोनस लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) रॉकेट से इनसैट-3डीएस मौसम उपग्रह का प्रक्षेपण हुआ है. सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से शनिवार को पूर्व-निर्धारित समय शाम 5:35 बजे उपग्रह का प्रक्षेपण हुआ है.
शाम 5:35 बजे उपग्रह का प्रक्षेपण हुआ
इससे पहले शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे इसकी उलटी गिनती शुरू हो गई थी. लगभग 20 मिनट की उड़ान के बाद, 2,274 किलोग्राम वजन वाले उपग्रह भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली (इनसैट) को जीएसएलवी रॉकेट से अलग हुआ है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के विभिन्न विभाग जैसे भारत मौसम विज्ञान विभाग, राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र और विभिन्न एजेंसियां हैं.
मौसम पूर्वानुमान और मौसम संबंधी सेवाएं
इन सभी संस्थानों को बेहतर मौसम पूर्वानुमान और मौसम संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए इनसैट-3डीएस द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा से लाभ मिलेगा. कहा जा रहा है कि इनसैट-3डीएस का जीवन काल लगभग 10 वर्ष होने की उम्मीद है.