नई दिल्‍ली: कैलाश मानसरोवर यात्रा के परंपरागत लिपुलेख मार्ग पर स्थित लिपुलेख दर्रे पर जाकर भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के महानिदेशक एसएस देसवाल ने यात्रा की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. निरीक्षण के उपरांत उन्‍होंने हिमालय को स्वच्छ बनाए रखने और इसके पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित बनाए रखने के प्रयासों की अपील जारी की है. 


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आईटीबीपी के महानिदेशक एसएस देसवाल ने मानसरोवर यात्रा पर आने वाले सभी भावी यात्रियों का स्वागत करते हुए कहा कि हिमालय की खूबसूरती मनुष्य की धरोहर है. इस धरोहर को स्वच्छ, सुंदर और संतुलित बनाए रखने के लिए इसे सम्मान देना चाहिए.  उन्‍होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र में हो रही गंदगी आदि को साफ करना अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने यह भी कहा कि यहां से एकत्रित कचरे को वापसी में यात्रियों को लेकर आना चाहिए, जिससे उसका यथोचित निष्पादन किया जा सके. 


आईटीबीपी के महानिदेशक एसएस देसवाल ने कहा कि हिमालयी क्षेत्र को स्‍वच्‍छ रखने के लिए आईटीबीपी की तरफ से भी विशेष प्रबंध किए जाएंगे. लिपुलेख दर्रे के निरीक्षण के दौरान डीजी एसएस देसवाल और उनके साथ बल मुख्यालय की वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने इलाके में फैले कचरे की सफाई की और पूरे इलाके में सफाई अभियान भी चलाया. यह पहला अवसर है, जब आईटीबीपी के महानिदेशक 17000 फीट की ऊंचाई पर स्थि‍त लिपुलेख दर्रे पैदल मार्ग से चलकर पहुंचे हों .


उल्‍लेखनीय है कि लिपुलेख दर्रा हिमालय में चीन के परंपरागत रास्ते के लिए जाना जाता है, जहां मौसमी और वातावरणीय परिस्थितियां दुष्कर होती हैं. आईटीबीपी 1981 से लगातार यहां कैलाश मानसरोवर यात्रियों के दलों के लिए सुरक्षा, स्वास्थ्य व संचार की व्यवस्था करती रही है. इस साल 11 जून, 2019 को नई दिल्ली से रवाना हुआ 58 यात्रियों का प्रथम दल अगले हफ्ते इस इलाके से तिब्बत को प्रस्थान करेगा.