Bhopal MMS Scandal: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के राजधानी भोपाल (Bhopal) में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी MMS कांड जैसा एक मामला सामने आया है. दरअसल यहां 19 साल की एक लड़की का अश्लील वीडियो बनाया गया और बाद में उसको ब्लैकमेल किया गया. आरोपियों ने लड़की के एक दोस्त के जरिए उससे वीडियो वायरल नहीं करने के लिए पैसे की मांग की. पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. मामले की जांच की जा रही है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस मामले पर आपात बैठक की और अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए.


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कॉलेज के ही तीन छात्रों पर वीडियो बनाने का आरोप


बता दें कि छात्रा का अश्लील वीडियो बनाकर उससे पैसे वसूल करने के लिए दबाव बनाने का मामला सामने आया है. पुलिस अधिकारी आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि ये घटना 17 सितंबर को गोविंदपुरा इलाके में स्थित आईटीआई की है. पिपलानी में रहने वाली छात्रा की शिकायत पर आईटीआई के तीन छात्रों राहुल यादव, खुशबू ठाकुर और अयान के खिलाफ आईपीसी और आईटी एक्ट की संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया.


आरोपियों ने लड़की को किया ब्लैकमेल


वहीं, पिपलानी थाना प्रभारी अजय नायर ने कहा कि छात्रा ने शिकायत में बताया कि विश्वकर्मा जयंती पर आईटीआई संस्थान में कार्यक्रम था. वह कार्यक्रम के बाद महाविद्यालय के बाथरूम में कपड़े बदलने के लिए गई थी. नहाते वक्त तीन छात्रों ने उसका अश्लील वीडियो बना लिया था. बाद में आरोपी छात्रों ने पीड़ित छात्रा के दोस्त को वीडियो दिखाया और पीड़िता से 7 हजार रुपये लेकर देने के लिए कहा. आरोपियों ने ये भी कहा कि ऐसा नहीं करने पर उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाएगा.


धमकी से डरी लड़की ने छोड़ दिया था घर


उन्होंने आगे कहा कि जब दोस्त ने यह बात छात्रा को बताई तो वह तनाव में आ गई और वह अपने घर से चली गई. जब परिजनों को लड़की के घर से गायब होने की जानकारी मिली तो वह पिपलानी पुलिस स्टेशन पहुंचे और घटना के बारे में बताया. फिर पुलिस ने भोपाल रेलवे स्टेशन से छात्रा को बरामद कर लिया.


बता दें कि ITI कॉलेज में ब्लैकमेलिंग को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को आपात बैठक की. DGP सुधीर सक्सेना, पुलिस आयुक्त भोपाल मकरंद देउस्कर, कलेक्टर भोपाल अविनाश लवानिया इस बैठक में शामिल हुए. सीएम शिवराज ने निर्देश दिए कि पुलिस प्रशासन ब्लैकमेलिंग की घटनाओं को गंभीरता से ले. कॉलेज परिसर, छात्रावास आदि में विशेष सतर्कता बरती जाए. इस प्रकार की घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. कॉलेज और छात्रावासों में अवांछित तत्व प्रवेश नहीं करें.


(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)


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