Jahangirpuri violence update: दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा को लेकर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. अब तक पुलिस ने हिंसा को लेकर 3 FIR दर्ज की हैं जबकि 25 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इस केस पर गृह मंत्रालय की भी नजर है और शुरुआती रिपोर्ट भेजी जा चुकी है. हिंसा के पीछे अंसार और असलम को मुख्य आरोपी बताया जा रहा है लेकिन अब इलाके की मस्जिद के इमाम सलाउद्दीन ने अंसार का बचाव किया है.


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आरोपों को किया खारिज


जहांगीरपुरी सी ब्लॉक मस्जिद के इमाम सलाउद्दीन ने अपने ऊपर लगे आरोप को खारिज किया और अंसार का भी बचाव किया. उन्होंने कहा कि अंसार को फोन करके बिल्कुल नहीं बुलाया गया था, बल्कि वह तो मोहल्ले का लड़का है. उन्होंने कहा कि वह यहीं रहता है और गरीबों की देखभाल करता है.



इमाम ने अंसार का बचाव करते हुए कहा शोभायात्रा में हिंसा के दौरान भी वह बच्चों को समझा रहा था कि तलवारें मत लहराओ, अभी तुम्हारा पढ़ने का वक्त है, यह सब काम मत करो. सलाउद्दीन ने कहा कि हमने यह देखा कि शोभायात्रा निकल रही थी और मस्जिद के सामने आते ही जोर से डीजे बजाना, झंडे लहराना शुरू किया गया.


शोभायात्रा में कट्टे लहराने का दावा


सलाउद्दीन ने कहा कि शोभायात्रा में शामिल लोगों के हाथों में कट्टे थे जिन्हें वे लहराकर नारेबाजी कर रहे थे. इमाम ने दावा किया कि पत्थरबाजी मस्जिद से बिल्कुल शुरू नहीं हुई. हमारे रोजा और इफ्तार का टाइम था और हम लोग इंतजाम करने में लगे हुए थे.


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सलाउद्दीन ने कहा कि उसी यात्रा में से एक-दो लोगों ने पत्थर फेंके, इसके बाद मोहल्ले के ही कुछ लड़कों ने पत्थर फेंक दिए. उन्होंने कहा कि कुशल सिनेमा चौराहे के सामने जाकर पत्थरबाजी और आगजनी हुई है, मस्जिद के पास कुछ नहीं हुआ था.


पुलिस जांच में सामने आई ये बात


सलाउद्दीन के दावा से उलट पुलिस जांच में सामने आया है कि जब शोभायात्रा निकल रही थी उसी दौरान जहांगीरपुरी की सी ब्लॉक की मस्जिद के ऊपर मस्जिद का इमाम और अन्य लोग खड़े थे. सूत्रों के मुताबिक इमाम ने ही आरोपी अंसार को फोन कर के बुलाया था. इसके बाद अंसार अपने 4-5 साथियों के साथ मस्जिद के बाहर पहुंचा और शोभायात्रा में चल रहे लोगों से बहस करने लगा था.


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