Jahangirpuri Violence Update: दिल्ली के जहांगीरपुरी (Jahangirpuri) इलाके में हनुमान जन्मोत्सव के दौरान हुई हिंसा को लेकर नए-नए खुलासे हो रहे हैं. पुलिस ने अब तक 20 से ज्यादा लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है और आरोपियों की कोर्ट में पेशी भी हो चुकी है. उधर, फॉरेंसिक की टीम ने भी मौके पर जाकर सबूत जुटाए हैं जिससे इस हिंसा की तह तक जाया जा सके. FSL की टीम ने करीब ढाई घंटे तक मौके पर गहन जांच की है. 


वीएचपी नेता ने बताई आपबीती


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शोभायात्रा की अगुवाई करने वाले वीएचपी नेता उमाशंकर ने इस बीच चौंकाने वाला दावा किया है. हमले में घायल उमाशंकर ने बताया कि शोभायात्रा के दौरान वह मुख्य आरोपी अंसार से बातचीत कर रहे थे और इसी दौरान उन पर तलवार से हमला किया गया. उन्होंने बताया कि यात्रा को मैं लीड कर रहा था और ऐसे में किसी भी कार्यकर्ता को जख्मी होने से बचाना मेरी जिम्मेदारी थी. उन्होंने कहा कि मुझे गंभीर चोट आई है लेकिन खुशी है कि संगठन का कोई और कार्यकर्ता हिंसा में घायल नहीं हुआ.



विश्व हिन्दू परिषद के विभाग संगठन मंत्री उमाशंकर ने बताया यात्रा पर पीछे से हमला किया गया और उपद्रवी वहां झुंड बनाकर खड़े हुए थे. पीछे जाने पर मैंने देखा कि 10-15 कार्यकर्ता वहां फंसे हुए हैं और उन पर लाठी-डंडों से हमले हो रहे हैं. उमाशंकर ने दावा किया कि हिंसा के वक्त मुख्य आरोपी अंसार (Ansar) वहां मौजूद था और आवाजें लगाई जा रही थीं, 'अंसार भाई किसी को छोड़ना मत, इनको जान से मारकर ही दम लेंगे.'


रुद्राक्ष की माला ने बचाई जान


उमाशंकर ने बताया कि अंसार उपद्रवियों की भीड़ की अगुवाई कर था और मैंने उससे बातचीत कर कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं को यहां से जाने दें. उन्होंने आगे बताया कि मैं अंसार से बातचीत कर ही रहा था कि पीछे से मेरी गर्दन पर तलवार से वार किया गया. फिर पुलिस वाले ने मुझे पकड़कर पीछे खींचा, लेकिन मेरे गले में रुद्राक्ष की माला थी जिससे थोड़ा बचाव हो गया.


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उन्होंने बताया कि हम लोग फिर कुशल चौक की तरफ बढ़ गए लेकिन इस बीच ऊपर छतों से पत्थरबाजी होने लगी. महिलाएं कांच की बोतलें ऊपर से फेंक रही थीं और आगे मस्जिद की तरफ से एक झुंड आया और हम पर पत्थरबाजी करने लगा. हम पर तीन तरफ से घेरकर हमले किए जा रहे थे. उमाशंकर ने बताया कि हालात ऐसे थे कि अगर वहां कोई कार्यकर्ता फंस जाता तो उसकी जान बचना मुश्किल थी. 


पहले से थी हमले की तैयारी


वीएचपी नेता ने बताया कि शोभायात्रा शांतिपूर्ण तरीके से निकल रही थी और कार्यकर्ता नाचते हुए जा रहे थे. लेकिन करीब 700-800 की संख्या में आए झुंड ने हम लोगों पर पीछे से हमला किया. उन्होंने कहा कि उपद्रवियों के हाथ में पत्थर, लाठी, डंडे और तलवारें थीं साथ ही पहले से इस हमले की तैयारी कर रखी थी.


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