जयपुर. जयपुर नगर निगम ने अपने 19 वॉर्डों को ओडीएफ (शौच से मुक्त) घोषित कर दिया है. इसके लिए बाकायदा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. निगम ने लोगों को खुले में शौच न करने को समझाने के लिए हर जोन में 20-20 होमगार्ड लगाए थे. लेकिन लोगों को समझाने के बदले उन्हें डराया-धमकाया जा रहा है. इसके लिए होमगार्डों ने लोगों को समझाने के बजाय खुले में शौच करने पर लात-घूंसे और डंडे बरसाना शुरू कर दिया.


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दरअसल इस मामले की कलई उस समय खुल गई जब स्वच्छता का जायजा लेने निकली टीम ने खुले में शौच करते बच्चों पर उन्होंने डंडे बरसाए और लात-घूंसे चलाए. इतना ही नहीं उन्होंने एक बच्चे से मल उठवाया और अपने जेब में रखने को कहा. नगर निगम के कर्मचारियों का अत्याचार कैमरे में कैद हो गया. इसके बारे में पूछने पर जयपुर नगर निगम के मेयर अशोक लाहोटी का कहना है कि डंडा मारना कोई समाधान नहीं है. लोगों को समझाया जाएगा कि खुले में शौच न करें. 


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शहर को भले ही ओडीएफ घोषित कर दिया हो, लेकिन सच्चाई ये है कि ये सारा काम कागजी है. जिन कच्ची बस्तियों में सामुदायिक शौचालय बनाए गए है, वहां न तो पर्याप्त शौचालय है और न ही उनमें पानी. हालांकि ये बात स्वयं सत्ताधारी पार्टी के मंत्री, पार्षद भी स्वीकार चुके हैं लेकिन इसे दुरुस्त करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए. आज भी जवाहर नगर, कठपुतली नगर, जयपुर रेलवे जंक्शन, दिल्ली बाइपास पर बनी बस्तियां, झालाना, जगतपुरा कच्ची बस्ती आदि जगहों पर लोग खुले में शौच करते नजर आते हैं.