नई दिल्ली: ब्रिटेन में रहने वाले 19 साल के एक भारतीय लड़के ने ब्रिटेन की महारानी Queen Elizabeth द्वितीय की हत्या करने की कोशिश की  ये लड़का एक भारतीय सिख है. उसका कहना था वो 1919 में हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड (Jallianwala Bagh Massacre) का बदला ब्रिटेन की महारानी की हत्या करके करके लेना चाहता है. खास बात ये है कि भारत के लोगों ने तो आज़ादी मिलते ही अंग्रेज़ों को माफ़ कर दिया था. शायद आज़ादी के बाद पहली बार इस तरह का पहला मामला सामने आ रहा है.


महारानी के महल से 19 वर्षीय लड़का गिरफ्तार


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25 दिसम्बर को क्रिसमस के मौक़े पर London के Royal Palace से एक 19 साल के लड़के को गिरफ़्तार किया गया था. इस लड़के ने अपने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था. उसे महल में लगे CCTV फुटेज में दीवार लांघ कर घुसते हुए देखा गया था. जब इस पूरे मामले की जांच की गई तो पता चला कि ये लड़का ब्रिटेन की महारानी Elizabeth द्वितीय की हत्या करने के इरादे से उनके महल में घुसा है.



जांच एजेंसियों को इस लड़के का एक वीडियो भी मिला, जिसमें वो बता रहा है कि उसने ये सब जलियांवाला बाग हत्याकांड (Jallianwala Bagh Massacre) का बदला लेने के लिए किया. 13 अप्रैल 1919 को अंग्रेज़ी सरकार ने अमृतसर के जलियांवाला बाग में प्रदर्शन कर रहे निहत्थे लोगों को गोलियां से भून दिया था. ये लड़का ब्रिटेन की महारानी की हत्या करके उसी नरसंहार का बदला लेना चाहता था.


13 अप्रैल 1919 को हुआ जलियांवाला बाग हत्याकांड


जलियांवाला बाग हत्याकांड 13 अप्रैल 1919 को हुआ था. उस वक्त जलियांवाला बाग में लोग स्वतंत्रता सेनानी सत्यपाल और सैफुद्दीन किचलू की गिरफ्तारी और रॉलेट एक्ट के विरोध में इकट्ठा हुए थे. रॉलेट एक्ट भारत की ब्रिटिश सरकार द्वारा किसी भी राष्ट्रीय आंदोलन को खत्म करने के लिए बनाया गया कानून था. शाम के साढ़े चार बजे जनरल डायर ने बिना किसी चेतावनी के जलियांवाला बाग में मौजूद करीब 25 से 30 हजार लोगों पर फायरिंग का आदेश दे दिया. 


करीब दस मिनट तक बिना रुके ये फायरिंग होती रही. इस दौरान सैनिकों ने करीब 1 हज़ार 650 राउंड गोलियां चलाईं. इस हत्याकांड में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई और 3600 से ज्यादा लोग घायल हुए. हालांकि ब्रिटिश सरकार ने तब कहा था कि इस घटना में 379 लोग मारे गए थे और 1200 से ज़्यादा घायल हुए थे. इस नरसंहार (Jallianwala Bagh Massacre) के बाद लोगों के मन में ज़बरदस्त ग़ुस्सा था. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि उस वक़्त कांग्रेस के कुछ नेता और महात्मा गांधी ने खुद ये कहा था कि उन्होंने इस हत्याकांड के लिए जनरल डायर को माफ कर दिया है.


महात्मा गांधी ने जनरल डायर को कर दिया था माफ


25 अगस्त 1920 को एक वर्ष बाद इस नरसंहार पर महात्मा गांधी ने अपने बयान में कहा था कि ये अपराध होगा कि मैं निर्दोष लोगों की हत्या करने वाले जनरल डायर का सहयोग करुं. लेकिन अगर वो बीमार है तो उनकी सेवा करना प्रेम का कार्य होगा और हमें उन्हें माफ कर देना चाहिए. महात्मा गांधी ऐसा इसलिए कह रहे थे कि क्योंकि जलियांवाला बाग हत्याकांड (Jallianwala Bagh Massacre) के बाद जनरल डायर गम्भीर रूप से बीमार हो गया था. वर्ष 1927 में लकवे और दूसरी गम्भीर बीमारियों की वजह से उसकी मौत भी हो गई थी.


महात्मा गांधी के कहने पर ही Congress Inquiry Committee ने जनरल डायर के ख़िलाफ़ मुकदमा करने की मांग को वापस लिया था. खुद महात्मा गांधी ने इसका ज़िक्र जनरल डायर की मृत्यु के 11 साल बाद 1 नवम्बर 1938 को किया था. उन्होंने कहा था कि जनरल डायर के प्रति उनके मन में कोई नफ़रत नहीं है.


ऊधम सिंह ने किया माइकल ओ डायर का मर्डर


हालांकि जब कांग्रेस के बड़े बड़े नेता और महात्मा गांधी जनरल डायर को माफ कर चुके थे, तब शहीद ऊधम सिंह ने 13 मार्च 1940 की शाम को London में माइकल-ओ-डायर की हत्या करके जलियांवाला बाग का बदला लिया था. माइकल-ओ-डायर इस हत्याकांड के दौरान पंजाब का गवर्नर था और उन्होंने जनरल डायर का उसकी क्रूरता के लिए समर्थन भी किया था.


सोचने वाली बात ये है कि आज देश शहीद उधम सिंह और जलियांवाला बाग हत्याकांड (Jallianwala Bagh Massacre) दोनों को भूल चुका है. ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे देश ने अंग्रेज़ों को उसी दिन माफ़ कर दिया था, जब 15 अगस्त 1947 को भारत को आज़ादी मिली थी. यानी आज़ादी के साथ हमने अंग्रेज़ों की क्रूरता और उनके अत्याचारों के लिए उन्हें आसानी से माफ़ कर दिया. जबकि ब्रिटिश सरकार चाहकर भी कभी ऐसा नहीं कर पाई.



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महारानी एलिजाबेथ ने जताया था दुख


वर्ष 1997 में जब Queen Elizabeth भारत दौरे पर आईं थी, तब उन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड पर दुख जताया था. वर्ष 2013 में ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री David Cameron ने भी इस हत्याकांड को ब्रिटिश इतिहास की सबसे शर्मनाक घटना बताया था. हालांकि इन दोनों ने कभी भी इस घटना के लिए माफी नहीं मांगी.


ब्रिटेन के सबसे बड़े धर्मगुरुओं में से एक Justin Welby (जस्टिन वेल्बी) ने जलियांवाला बाग हत्याकांड (Jallianwala Bagh Massacre) के लिए वर्ष 2019 में माफी मांगी थी. माफी मांगते हुए वो शायद ये भूल गए कि जिस घटना के लिए वो दुख जता रहे हैं, उस घटना को तो इस देश की राजनीति ने और लोगों ने 15 अगस्त 1947 को ही भुला दिया था और अंग्रेज़ों को माफ कर दिया था.


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