श्रीनगर: जम्मू कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पुलवामा (Pulwama) जिले में शनिवार को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में घिरने के बाद दो आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण (Terorist Surrender) कर दिया. जम्मू-कश्मीर पुलिस (J&K Police) के अधिकारियों ने यह जानकारी साझा की है. अधिकारियों के मुताबिक, ' पुलवामा के काकापोरा (Kakapora) इलाके के लेलहार में आतंकवादियों की मौजूदगी की खबर के बाद शुक्रवार रात को घेराबंदी कर तलाश अभियान चलाया था.


भारतीय जवानों ने निकाली हेकड़ी


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अधिकारियों के मुताबिक छिपे हुए आतंकवादियों द्वारा सुरक्षा बलों पर गोली चलाए जाने के बाद तलाशी अभियान मुठभेड़ (Encounter) में बदल गया. अधिकारियों ने ये भी बताया कि रात को काफी देर तक हुई गोलीबारी के बाद दोनों आतंकवादियों ने अपनी एके 47 राइफलों (AK-47) के साथ सुरक्षा बलों के आगे सरेंडर कर दिया. उन्होंने कहा कि दोनों आतंकवादियों की पहचान अकील अहमद लोन और रउफ उल इस्लाम के तौर पर हुई है. लोन के दाएं पैर में छर्रे लगे हैं और उसे यहां से इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया.


परिचितों से मिलने आए थे आतंकी


स्वचालित हथियारों से लैस दो से तीन आतंकी काकापोरा (Kakpora) में परिचित से मिलने आए थे. इसका पता चलते ही सुरक्षाबलों ने काकपोरा की घेराबदी करते हुए तलाशी अभियान शुरू कर दिया. जवान जब बटपोरा मोहल्ले में पहुंचे तो वहा छिपे आतकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी. जवानों ने भी जवाबी फायर किया. इसके साथ ही मुठभेड़ शुरू हो गई. सूत्रों के मुताबिक पहली गोली रात आठ बजे चली.  इसी घटनाक्रम के दौरान 40 मिनट तक दोनों तरफ से भीषण गोलीबारी हुई.


पुलिस आईजी का बड़ा दावा 


इस बीच आइजी विजय कुमार ने स्थानीय युवकों की आतंकी सगठनों में भर्ती में कमी होने का दावा किया है. जे एंड के पुलिस लगातार इंटरनेट और सोशल मीडिया के जरिए कश्मीरी युवाओं को गुमराह कर तबाही के रास्ते पर धकेलने की जानकारी दे रही है. उन्होंने कहा कि हम इस स्थिति से भी बेहद प्रभावी रूप से निपट रहे है. उन्होंने कहा कि बीते कुछ सालों के मुकाबले इस साल जनवरी में कश्मीर में स्थिति लगभग पूरी तरह शांत रही है.


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