Jammu Kashmir जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) आरआर स्वैन ने कहा कि उन्हें अपने उस पुलिसकर्मी की हत्या के मामले में सुराग मिल गए हैं, जिनकी इस सप्ताह की शुरुआत में बारामूला जिले के तंगमर्ग इलाके में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. शहीद स्टाफ के आवास पर परिजनों को ढांढस बधाने पहुंचे आरआर स्वैन ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'हमने पुलिस परिवार का एक सदस्य खोया है. तो कश्मीर ने अपने एक बेटे को खोया है. इसलिए हमने तय किया है था कि हम इस केस की तह तक जाएंगे और कातिलों को ढूंढकर  कानून के तहत सख्त से सख्त सजा देंगे. 


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कहां तक पहुंची जांच?


डीजीपी ने कहा, मामले  की जांच जारी है. अभी हम क्या कर रहे हैं उसे शेयर नहीं कर सकते. मगर हम निश्चिंत हैं कि हम जिस एंगल
पर कम कर रहे हैं, उससे तहत जल्द ही इस केस को क्रैक कर लेंगे. दरअसल इसमें अभी कोई दो राय नहीं है कि पाकिस्तान लगातार साजिश कर रहा है. वो आतंकवाद को पॉलिसी और एंटी इंडिया टूल की तरह यूज करते हैं. वो कभी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होंगे.
हम यहां हालात बदल देगें. जनता को साथ मिला कर जो पॉलिसी हम बनाएंगे उसके आगे वो ठहर नहीं पाएंगे. उन्हें यहां कोई मददगार नहीं मिलेगा, हम इस सोच के साथ भी काम कर रहे हैं.


नार्कोटिक्स नेटवर्क तोड़ा-हथियार नहीं पहुंचने देंगे


डीजीपी ने कहा, 'पाकिस्तान की ज़मीन हमारे कंट्रोल में नहीं वो नशे और हथियार खासकर गोला बारूद भेज रहे हैं. हम उनकी सारी प्लानिंग खत्म कर देंगे. इस बार की सर्दी के सीजन में हमारी तैयारी पूरी है. हमारा साथी हो या आम शहरी, हम किसी का कत्ल नहीं होने देंगे.'


कौन हैं जम्मू-कश्मीर पुलिस के नए डीजीपी आरआर स्वैन?


आर.आर. स्वैन 1991 बैच के आईपीएस अफसर हैं. उन्होंने खुफिया विभाग में 10 साल तक काम किया है. वो श्रीनगर और जम्मू के पुलिस कप्तान यानी SSP रह चुके हैं. वो एसडीपीओ कोठी बाग, एसपी रामबन, एसपी कारगिल, एसपी पुंछ, एसएसपी कठुआ, एसएसपी जम्मू, एसएसपी श्रीनगर, एआईजी (पी/डब्ल्यू) पीएचक्यू और डीआईजी विजिलेंस भी रहे. स्वैन जून 2020 में सीआईडी विंग के प्रमुख के रूप में जम्मू-कश्मीर पुलिस में आए फिर नए डीजीपी बन गए. जम्मू-कश्मीर में लंबा वक्त बिता चुके स्वैन को घाटी का 'कमांडो' कहा जाता है. वो काबिल अफसर हैं. ये उनका खौफ है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाक फौज तक जम्मू-कश्मीर में उनकी मौजूदगी से सावधान है. उनकी मुस्तैदी से आतंकी खौफ खाते हैं. जिनकी तेज निगाहों से बचना नामुमकिन है. कहा जाता है कि उनकी एक आंख आतंकवादियों के हमदर्दों के ऊपर बनी रहती है. कश्मीर घाटी से आतंकियों का सफाया जारी है. घुसपैठ के मामलों में कमी आ रही है. देश के दुश्मन चुन चुन कर ढेर किए जा रहे हैं.