Jammu Kashmir National Conference and Congress alliance: जम्मू कश्मीर में शुरु हुई असेंबली चुनावों की प्रक्रिया दिलचस्प होने जा रही है. इन चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और सीपीआईएम ने मिलकर मैदान में उतरने का फैसला किया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ कश्मीर के दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी अचानक श्रीनगर में डॉ. फारूक अब्दुल्ला के आवास पर अचानक पहुंच गए. दोनों के बीच 40 मिनट तक बातचीत हुई. इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी पार्टी के कुछ नेताओं के साथ मौजूद थे.


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गठबंधन करके चुनाव में उतरेंगी विपक्षी पार्टियां


राहुल गांधी के जाने के कुछ देर बाद फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया से बात की. उन्होंने ऐलान किया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस आगामी चुनावों में कांग्रेस और सीपीआई (एम) के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करेगी. उन्होंने कहा कि यह गठबंधन प्रदेश की सभी 90 सीटों पर होगा. इसके लिए कागजी कार्रवाई देर रात तक पूरी कर ली जाएगी. 


कांग्रेस, एनसी और सीपीआई (एम) आए एक साथ


उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस, एनसी और सीपीआई (एम) एक साथ हैं. तीनों दल मिलकर काम करेंगे और एक साथ चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने उम्मीद जताई कि यह गठबंधन राज्य का दर्जा वापस पाने में कामयाब रहेगा. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि किसी के लिए कोई दरवाजा बंद नहीं है.


प्रदेश को दिलवाएंगे पूर्ण राज्य का दर्जा


फारूक अब्दुल्ला से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की पैरवी कर चुके हैं. कश्मीर दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल करना हमारी प्राथमिकता है. हम चाहते थे कि चुनाव से पहले यह हो जाए, लेकिन हमें उम्मीद है कि जल्द ही राज्य का दर्जा बहाल हो जाएगा. आजादी के बाद यह पहली बार है कि कोई राज्य केंद्र शासित प्रदेश बना है. हम इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट हैं कि उनके लोकतांत्रिक अधिकारों को वापस दिलाना हमारी प्राथमिकता है. कांग्रेस पार्टी हमेशा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के साथ है.'


सुप्रीम कोर्ट के दबाव में बीजेपी करवा रही चुनाव


इस अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे ने भी मीडिया से बात की और कहा कि हम पूरे विपक्ष को एक साथ रखना चाहते हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे ने कहा, 'भाजपा जम्मू-कश्मीर में चुनाव सुनिश्चित नहीं कर सकी. पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मद्देनजर दबाव में चुनाव की घोषणा की. मैं यह बात रिकॉर्ड में रखना चाहता हूं कि भाजपा अब जम्मू-कश्मीर में लोगों की आवाज नहीं दबा सकती. कांग्रेस जम्मू-कश्मीर के लोगों के कल्याण के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध है. भाजपा के बड़े-बड़े दावे कि अनुच्छेद 370 के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का सफाया हो गया है, धराशायी हो गए हैं. घुसपैठ बढ़ गई है और आतंकवादी घटनाओं में भी तेजी देखी गई है.'


क्या बीजेपी बनवा पाएगी अपना सीएम?


राजनीतिक पंडितों के मुताबिक इस चुनाव पूर्व गठबंधन ने कहीं ना कहीं इंडी गठबंधन को प्रदेश में मजबूती दी है. ऐसे में कश्मीर और चिनाब घाटी में बीजेपी को अब पहले से ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी क्योंकि इस गठबंधन से उन्हें कड़ा मुक़ाबला देखने को मिलेगा. देखना है यह है कि इस गठबंधन को सत्ता के गलियारों तक पहुंचने से रोकने के लिए बीजेपी क्या रणनीति अपनाती है. बीजेपी ने पहले ही साफ किया है की वो जम्मू में अकेले चुनाव लड़ेगी और कश्मीर में कुछ आजाद प्रत्याशियों को समर्थन देगी. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव 18 सितंबर से शुरू होंगे और तीन चरणों में होने वाले इन चुनावों के नतीजे 4 अक्तूबर को घोषित किए जाएंगे. 


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