नई दिल्ली: साल 2018 की तुलना में जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में आतंकियों की भर्ती काफी हद तक कम हो गई है और घाटी में आतंकवादियों की संख्या 217 हैं, जो पिछले दशक में सबसे कम है. सेना के शीर्ष कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू (BS Raju) ने ने कहा कि इस साल हम पिछले साल की तुलना में सीमा से घुसपैठ को 70 प्रतिशत तक कम करने में भी सफल हुए हैं.


ड्रोन और सुरंग साजिश से निपट रही सेना


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बीएस राजू ने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) की ओर से ड्रोन और सुरंगों के माध्यम से हथियार और ड्रग्स भेजने की साजिश निश्चित रूप से एक चुनौती है. इससे निपटने के लिए सुरंगों का पता लगाने के साथ आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं.



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'पहले सरेंडर का देते हैं मौका'


सेना के शीर्ष कमांडर ने कहा, 'जब हमें पता चला कि आतंकवादी कहीं फंस गए हैं तो हम उन्हें विशेष रूप से स्थानीय लोगों के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए कहते हैं. अगर उनकी पहचान होती है तो हम उनके परिवार के सदस्यों को बुलाते हैं. जब सभी प्रयास विफल हो जाते हैं तो हम आगे बढ़ते हैं और उन्हें बेअसर करते हैं.