Terrorism in Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में हालिया आतंकी गतिविधियों के बीच, केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकवाद का समर्थन करने और उसे बढ़ावा देने वालों को कड़ी चेतावनी दी है. बारामूला में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा, "आतंकवाद का समर्थन करने और उसे फैलाने वालों को मौत और विनाश का सामना करना पड़ेगा. इस मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा." उनकी यह चेतावनी सुरक्षा और शांति बनाए रखने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

फारूक अब्दुल्ला के बयान पर पलटवार


मनोज सिन्हा की यह टिप्पणी पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला के विवादास्पद बयान के बाद आई है. अब्दुल्ला ने हाल ही में कहा था कि आतंकवादियों को मारने के बजाय जिंदा पकड़कर उनसे जांच की जानी चाहिए. सिन्हा ने बिना नाम लिए अब्दुल्ला की इस टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे विचार क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर करते हैं.


सरकार का सख्त संदेश


उपराज्यपाल ने साफ शब्दों में कहा कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ अडिग है और इस मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगी. उनका कहना है कि आतंकवाद को किसी भी तरह की समर्थन या सहानुभूति दिखाना क्षेत्र की स्थिरता के लिए खतरा है, और सरकार किसी भी स्तर पर इसकी इजाजत नहीं देगी.


सुरक्षा बढ़ाने की पहल


हाल के दिनों में बढ़ती आतंकी घटनाओं को देखते हुए जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की सक्रियता बढ़ा दी गई है. सिन्हा ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां पूरी ताकत से काम कर रही हैं और आतंकवादियों तथा उनके समर्थकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी. उनकी इस चेतावनी का मकसद क्षेत्र में अमन-चैन को कायम रखना है.


क्षेत्र की स्थिरता बनाए रखना प्राथमिकता


सिन्हा ने कहा कि सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता क्षेत्र की स्थिरता और शांति बनाए रखना है. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों और उनके समर्थकों को यह समझ लेना चाहिए कि उनके लिए कोई सहानुभूति नहीं है, और हिंसा फैलाने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.


आतंकवाद के प्रति सरकार की नीति


उपराज्यपाल ने कहा कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दृढ़ता से खड़ी है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रशासन आतंकवादियों और उनके मददगारों के खिलाफ कड़े कदम उठाने से नहीं हिचकेगा. उनका कहना है कि केवल कड़ी कार्रवाई ही क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को बहाल कर सकती है.


राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा


सुरक्षा के मुद्दों के अलावा, उपराज्यपाल ने राज्य के भविष्य के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि केंद्र जल्द ही जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की दिशा में कदम उठाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वादा है कि जम्मू-कश्मीर के निवासियों को उनका लोकतांत्रिक अधिकार वापस मिलेगा.


सरकार का सख्त रुख और जनता का विश्वास


सिन्हा की चेतावनी और सुरक्षा पर जोर सरकार की आतंकवाद के खिलाफ गंभीरता को दर्शाता है. जनता को भरोसा है कि सरकार इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई करेगी और क्षेत्र की शांति और स्थिरता को प्राथमिकता देगी. उनका यह संदेश आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता का प्रतीक है, जो जम्मू-कश्मीर के निवासियों के लिए सुरक्षा का भरोसा बढ़ाता है.