Jammu Kashmir: गाद-कीचड़ से करीब मर चुकी थी Khushal Sar Lake, लोगों ने दोबारा यूं कर दिया जीवित
लोगों की मेहनत से श्रीनगर (Srinagar) के पुराने इलाके में बनी खुशहाल सर झील (Khushal Sar Lake) अब दोबारा जीवित होने लगी है. इसे बदले रूप को देखकर लोग बहुत खुश हैं.
श्रीनगर: आम लोगों की मेहनत और लगन से श्रीनगर (Srinagar) के पुराने इलाके में करीब मर चुकी खुशहाल सर झील (Khushal Sar Lake) अब दोबारा जीवित होने लगी है. गाद और कूड़ा निकलने के बाद अब झील का पानी फिर से कुछ साफ दिखने लगा है.
बेजान हो चुकी थी झील
जानकारी के मुताबिक करीब 4 महीने पहले तक ये झील बेजान हो चुकी थी. ऐसे में लोगों के 2 विकल्प ही बचे थे. वे या तो इस जगह को छोड़ दें या इसे सुधारने के लिए काम करे. इसी बीच सामाजिक कार्यकर्ता मंज़ूर वांगनू वहां आए और लोगों को बदलाव लाने का हौंसला दिया. इसके बाद लोगों ने अपने संसाधनों से खुशहाल सर झील की सफाई की प्रक्रिया शुरू की. इस झील से अब तक 1000 ट्रक कचरा पहले बाहर निकाला जा चुका है.
फरवरी में शुरू हुआ सफाई का काम
मंज़ूर वांगनू कहते हैं, 'मैंने टीवी कार्यक्रम में इस झील की एक झलक देखी थी. मुझसे उसकी हालत बर्दाश्त नहीं हुई. दूसरे दिन मैं वहां गया और कुछ लोगों से बात की लेकिन वे मुझ पर हंसे. उन्हें लगा कि मेरा कोई छुपा हुआ एजेंडा है. इसके बाद मैंने कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर से सम्पर्क किया. उन्होंने मुझे पूरे सहयोग का आश्वासन दिया. हमने 21 फ़रवरी से झील की सफाई का काम शुरू किया था. उसके बाद दूसरे लोग भी जुड़ते चले गए और झील चमकती चली गई. क़रीब तीस साल बाद इस झील की सफाई हो रही है.'
उन्होंने बताया कि इस झील (Khushal Sar Lake) की सफाई के लिए आम लोगों के साथ ही सरकार के कई विभाग मिलकर काम कर रहे हैं. यहां पर लैंड माफिया का अतिक्रमण कर दिया गया है. पिछले तीन महीने में यहां की हालत काफी सुधरी है. मंजूर वांगनू कहते हैं कि वर्ष 2001 में नागीन झील की हालात इससे भी बदतर थी. वहीं आज अगर कोई झील यहां बची है तो वो नाग़ीन झील ही है. हम घाटी की सभी वाटर बॉडीज़ को दोबारा पुनर्जीवित करेंगे.
सामाजिक कार्यकर्ता वांगनू ने किया प्रेरित
स्थानीय निवासी मोहम्मद मक़बूल कहते हैं, 'यहां पर मंज़ूर अहमद वांगनू आया. उसने लोगों से बात करना शुरू किया. हम ने भी इससे पहले बहुत कोशिशें की थीं मगर कुछ नहीं हुआ था. फिर मंजूर ने विभागों से बात की और यहां काम शुरू करवाया. फिर उसने एनजीओ के ज़रिया 10-15 लाख रुपये लगाया. बाक़ी पैसे मोहल्ले वालों ने दिए. तब जाकर यह झील साफ हुई.
अब सरकार ने गिलसर नामक झील को साफ करना शुरू कर दिया है. प्रशासन का कहना है कि आम लोगों के सहयोग के बिना कोई काम नहीं हो सकता. डल झील के बाद सरकार अब श्रीनगर की सभी वाटर बॉडीज को दोबारा से जीवित करने का प्लान बना चुकी है.
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सरकारी महकमों ने किया पूरा सहयोग
श्रीनगर नगर निगम के कमिश्नर अतहर अमीन कहते हैं, 'खुशहाल सर झील (Khushal Sar Lake) में जो काम चल रहा था उसकी शुरुआत वहां के लोकल लोगों ने की. उसके बाद झील से निकली गंदगी को उठाने के लिए नगर निगम ने ट्रक लगाए. इस काम में सिंचाई विभाग का भी पूरा साथ मिला. एंकरोचमेंट के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है. इसके लिए एक संयुक्त टीम बनाई गई है. जिसमें रेवेन्यू, नगर निगम और पुलिस के अफसर शामिल हैं. यह टीम एकजुट होकर मिशन को अंजाम दे रही है.'
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