श्रीनगर: अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी (Syed Ali Shah Geelani) की मौत बाद उनके कफन और दफन को लेकर खड़े हुए सवालों पर जम्मू-कश्मीर पुलिस (Jammu-Kashmir Police) ने अपनी बात रखी है. गौरतलब है कि इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने अपने बयान में गिलानी की मौत के बाद उनके गुसल, कफन और दफन करने के तरीके पर पुलिस की आलोचना की थी.


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महबूबा ने कहा कि उनका भी गिलानी से मतभेद था, लेकिन शव के प्रति उदासीन व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए था. उन्होंने ये भी कहा, 'गिलानी के शरीर के साथ किया गया व्यवहार अनावश्यक था. सभी की अंतिम इच्छा का सम्मान करना चाहिए. सरकार को उनके परिवार की इच्छा के मुताबिक अंतिम संस्कार करने की इजाजत देनी चाहिए थी.'


पुलिस का जवाब


पुलिस ने कहा कि सैयद अली शाह गिलानी के बेटे पिता का शव रात में दफनाने को तैयार हो गए थे, बाद में उन्होंने मन बदल लिया. जबरन दफनाने के आरोप पर पुलिस ने ट्वीट के जरिये जवाब दिया. पुलिस प्रवक्ता ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुये लिखा, 'शव दफनाने से पहले गिलानी के घर 3 घंटे इंतजार करना पड़ा. IG विजय कुमार ने 1 सितंबर की रात 11 बजे उनके बेटों नईम और नसीम से मुलाकात की थी उस दौरान उनसे कानून व्यवस्था बिगड़ने से बचाने के लिए शव को रात में ही दफनाने की अपील की गई थी.'


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दोनों बेटे इस बात पर राजी भी हो गये थे. उन्होंने हमसे दो घंटे तक रुकने को कहा ताकि कुछ रिश्तेदार भी पहुंच सकें. इसके बाद शायद पाकिस्तान और असामाजिक तत्वों के दबाव में गिलानी का परिवार अजीब व्यवहार करने लगा. वहां पाकिस्तान के पक्ष में नारेबाजी हुई और गिलानी के शव को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा गया फिर शव को नजदीक के कब्रिस्तान में दफनाया गया.  


गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गिलानी के शव को पाकिस्तानी झंडे में लपेटने और उनके घर पर कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाने को लेकर कड़े गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम (यूएपीए) कानून के तहत मामला दर्ज किया है. 


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