नई दिल्ली: कहते हैं असली भारत गांव में बसता है. इन्हीं गांवों में हमें तरह-तरह के लोग मिलते हैं. अलग-अलग तरह के गांवों के बीच एक गांव ऐसा भी है, जहां की आधी आबादी मूक बधिर (Deaf And Dumb Village) है. यह गांव जम्मू राज्य में है जहां के आधे बच्चे ना तो बोल पाते हैं और ना ही वो सुन पाते हैं. 


गांव की अजीब कहानी


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दरअसल इस गांव में हर परिवार की ये दिक्कत है और वहां हर परिवार में आधे लोग इस समस्या का सामना कर रहा है. जानकार कहते हैं कि यह किसी जीन सिंड्रोम की वजह से होता है और लेकिन गांव के कुछ लोग इसे अभिशाप मानते हैं. आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह.


जम्मू में है ये गांव?


ये गांव जम्मू में है. इस गांव का नाम डडकाई है, जो डोडा के गंदोह तहसील के भलेसा ब्लॉक का एक गांव है. गुज्जरों का यह गांव मिनी कश्मीर कहे जाने वाले भद्रवाह से करीब 105 किलोमीटर की दूरी पर पहाड़ की चोटी पर स्थित है. 


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गांव में कुल 78 लोगों की आबादी


DW की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस गांव में कुल 78 लोग हैं, जो ना तो बोल सकते हैं और ना ही सुन सकते हैं. यहां करीब 105 परिवार रहते हैं. इसमें आधे लोग मूक-बधिर हैं यानी उन्हें सुनने या बोलने में परेशानी होती है. अब इस गांव को खामोश गांव के नाम से जाना जाता है. गौरतलब है कि डडकाई गांव में मूकबधिर बच्चा पैदा होने का पहला मामला साल 1901 में सामने आया था. 1990 में यहां 46 मूकबधिर थे और इस बीमारी से परेशान होकर कुछ परिवार पलायन कर पंजाब और अन्य जगहों पर चले गए हैं. 


गांव में शादी करने से कतराते हैं लोग


गांव के हालात को आप ऐसे समझिए कि एक परिवार में मां बोल पाती है तो उनके बच्चे नहीं बोल पाते हैं. वहीं, ऐसे कई परिवार हैं, जिनकी ये ही दिक्कत है कि उनके यहां पैदा होने वाले बच्चे मूक-बधिर पैदा हो रहे हैं. गांव में ऐसी बीमारी होने से इस गांव में लोग शादियां करने से कतराते हैं. जिन परिवारों में मूकबधिर हैं, उनकी शादी करना भी संभव नहीं हो पा रहा है क्योंकि वंशानुगत बीमारी होने के चलते लोग इस गांव में शादी से कतराते हैं.  यहां के लोग इंटर मैरिज भी ज्यादा करते हैं, जिससे ये समस्या अभी भी बनी हुई है.


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ये किस वजह से है?


वैज्ञानिक इसकी वजह एक अनुवांशिक विकृति को जिम्मेदार मानते हैं. वे कहते हैं कि विभिन्न समुदायों के बीच शादियां होने से ये विकृति (Distortion) ज्यादा फैली है. गांव के बहुत से लोग अपने बच्चों के भविष्य को लेकर बहुत चिंतित हैं. हालांकि, गांव में इसे लेकर कुछ कहानियां है और इसे अभिशाप से जोड़कर भी देखा जाता है. अब लोग इस समस्या से काफी परेशान हैं और लोग बच्चों को लेकर काफी चिंता में है.


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