Rape case: सहमति से शादीशुदा महिला किसी पुरुष से शारीरिक संबंध बनाए तो नहीं माना जाएगा रेप केस: झारखंड हाई कोर्ट
Jharkhand high court: झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि अगर कोई शादीशुदा महिला अपने पति के अलावा किसी दूसरे पुरुष के साथ सहमति के आधार पर सेक्सुअल रिलेशन बनाती है तो बाद में उस शख्स पर रेप का केस नहीं चलाया जा सकता.
Sexual relations: झारखंड हाईकोर्ट ने अपने फैसले में माना है कि कोई शादीशुदा महिला अपने पति के अलावा किसी दूसरे पुरुष के साथ सहमति से सेक्सुअल रिलेशन बनाती है, तो बाद में वह महिला उस पुरुष पर बलात्कार का केस नहीं कर सकती है. कई बार ऐसे केस सामने आते हैं जिसमें महिला के द्वारा कहा जाता है कि शादी के वादे पर ही यौन संबंध स्थापित किए गए थे. साधारण शब्दों में कहे तो न्यायालय का कहना है कि शादीशुदा महिला को शादी का झूठा वादा कर सेक्स करने के लिए बहलाया फुसलाया नहीं जा सकता, क्योंकि ये वादा ही अवैध है. जानें पूरा मामला क्या है?
ऐसा वादा करना ही अवैध
जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी ने अपने फैसले में बलात्कार के आरोप को रद्द करते हुए कहा, कि मामले में पीड़िता एक शादीशुदा विवाहित महिला है. उसने उसकी इच्छा से मनीष कुमार के साथ यौन संबंध बनाए, यह जानते हुए कि वह मनीष कुमार के साथ शादी नहीं कर सकती, क्योंकि वह खुद अभी शादीशुदा है, इसके बावजूद उसने मनीष के साथ संबंध स्थापित किए. इस तरह का वादा करना ही अवैध है और यह भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376(2)(एन) के तहत अभियोजन का आधार नहीं माना जा सकता.
शादीशुदा महिला ने लगाया था रेप का आरोप
शादीशुदा महिला की मां ने देवघर जिला कोर्ट में मनीष कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया था कि देवघर में श्रावणी मेले के दौरान उसकी बेटी मनीष कुमार के संपर्क में आई. महिला ने मनीष कुमार को बताया कि वह शादीशुदा है और उसके पति के साथ तलाक का केस चल रहा है. उसके बाद मनीष ने उसके साथ यौन संबंध बनाए. हालांकि इस महिला का कहना है कि सेक्सुअल रिलेशन इस सहमति पर बने थे कि तलाक के बाद मनीष उससे विवाह कर लेगा, लेकिन बाद में मनीष ने उससे शादी करने से मना कर दिया. कोर्ट ने कहा है कि शादीशुदा महिला अगर खुद की मर्जी से अपने पति के अलावा किसी दूसरे पुरुष के साथ शारीरिक संबंध बनाती है तो यह रेप का केस नहीं माना जा सकता है.
धोखाधड़ी से दुष्कर्म का हुआ केस
शादी से मना करने के बाद इस महिला की मां ने मनीष पर धोखाधड़ी से दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था. उसी आधार पर देवघर जिला कोर्ट ने संज्ञान भी लिया. इस फैसले के खिलाफ मनीष कुमार ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर दी और आग्रह किया कि इस मामले को निरस्त किया जाए. अब हाईकोर्ट ने इस याचिका पर आदेश पारित कर दिया है और कहा है कि इस मामले पर आगे की कार्रवाई देवघर कोर्ट में ही होगी.
पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi अब किसी और की ज़रूरत नहीं