नई दिल्ली: पिछले दिनों पंजाब में संदीप नाम के कबड्डी प्लेयर की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. हत्याकांड की वो तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुई थीं. ठीक वैसी ही तस्वीरें राजधानी दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में फिर देखी जा सकती थीं अगर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल कुख्यात बदमाशों के एक ऐसे गठजोड़ को नहीं तोड़ पाती. इस गठजोड़ में दिल्ली के कुख्यात गैंगस्टर नीरज बवानिया और टिल्लू ताजपुरिया गैंग के साथ अब पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, यूपी और राजस्थान के अलग-अलग गैंगस्टर पटियाल, बामभिया और कौशल गैंग भी शामिल हो गए थे.


स्पेशल सेल को मिली बड़ी कामयाबी


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इन बदमाशों (Gangsters) ने ये सब अपने विरोधी लॉरेंस बिश्नोई और काला जठेड़ी गैंग की बढ़ती ताकत को देखते हुए किया था. राहत की बात ये है कि दिल्ली की सड़कों पर खून बहता उससे पहले ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट ने इस नए गठजोड़ में शामिल एक दर्जन इनामी बदमाशों को गिरफ्तार करते हुए राजधानी दिल्ली को दहलने से रोक दिया. इस गिरफ्तारी पर स्पेशल सेल के डीसीपी मनीषी चंद्रा का कहना है कि दिल्ली को संगठित अपराध से बचाने के लिए दिल्ली पुलिस लगातार गैंगस्टरों की मूवमेन्ट को मॉनिटर करती रहती है. ये गिरफ्तारी उसी का एक नतीजा है.


कौन-कौन हुआ गिरफ्तार?


स्पेशल सेल (Special Cell) के काउंटर इंटेलिजेंस के डीसीपी मनीषी चंद्रा की देखरेख में इंस्पेक्टर विक्रम दहिया अपनी टीम के साथ गैंगस्टरों के इस गठजोड़ पर नजर रखने लगे और छोटे से छोटे इनपुट को अपनी टीम के साथ साझा करने लगे. कई दिनों की मेहनत के बाद आखिरकार इंस्पेक्टर विक्रम दहिया और उनकी टीम ने 12 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया जिनके नाम हैं- सज्जन उर्फ भोलू, अनिल उर्फ लट्ठ, अजय उर्फ सनी, टेकचंद, दया चंद उर्फ डीलर, कैलाश डागर, राहुल उर्फ साधू, सचिन उर्फ गचनु, सौरभ मिश्रा उर्फ मोगली, संदीप डागर, गुलशन और कवींद्र उर्फ शक्ति राणा. ये सभी बदमाश इस नए खतरनाक सिंडिकेट (नीरज बावनिया- टिल्लू ताजपुरिया- कौशल- पटियाल- बामभिया) के सदस्य हैं. इन सभी पर 4 राज्यों में आपराधिक मामले दर्ज हैं और लगभग 5 लाख रुपये का ईनाम है. इनके पास से 7 अत्याधुनिक पिस्तौल और 2 दर्जन से ज्यादा कारतूस बरामद किए गए.


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बदमाशों को भेज दिया जेल 


डीसीपी मनीषी चंद्रा के अनुसार काला जठेड़ी- लॉरेंस बिश्नोई- काला राणा ने इस तरह का एक आपराधिक गठजोड़ किया था और दिल्ली एनसीआर समेत पांच राज्यों में अपने गठजोड़ के बल पर कई आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने पिछले लंबे समय में इस गठजोड़ को तोड़ते हुए इन सभी प्रमुख बदमाशों को गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया है. इनके खिलाफ मकोका के तहत भी कार्रवाई की गई है. अब काला जठेड़ी और लॉरेन्स बिश्नोई गैंग के गठजोड़ की तर्ज पर ही नीरज बावनिया- टिल्लू ताजपुरिया- कौशल- पटियाल- बामभिया जैसे बदमाशों ने एक नया आपराधिक गठजोड़ तैयार किया. 


पुरानी रंजिश का मामला


अहम बात ये भी है कि नए गठजोड़ में शामिल बदमाशों की काला जठेड़ी- लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ पुरानी रंजिश चली आ रही है और गैंगस्टर गोगी की हत्या के बाद से गैंगवार भी चल ही रही है. जितेंद्र गोगी, काला जठेड़ी- लॉरेंस बिश्नोई के साथ था. दिल्ली पुलिस के अनुसार उसकी हत्या में नीरज बावनिया- टिल्लू ताजपुरिया का हाथ था. पुलिस का कहना है कि गोगी की हत्या के बाद इस नए सिंडिकेट ने पंजाब में 14 मार्च 2022 को अंतरराष्ट्रीय कबड्डी प्लेयर संदीप सिंह सिधू की हत्या की. संदीप सिंह यूके यानी यूनाइटेड किंगडम के नागरिक थे. इस मामले में पंजाब पुलिस कौशल और अन्य बदमाशों को गिरफ्तार कर चुकी है.


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स्पेशल सेल का दावा


स्पेशल सेल (Special Cell) का दावा है कि चाहे काला जठेड़ी- लॉरेंस बिश्नोई सिंडिकेट की बात करें या फिर इस नए आपराधिक सिंडिकेट की, ये सभी अपनी आपराधिक साजिशों को कहीं न कहीं विदेशी धरती के सहारे रचते रहे हैं. चाहे फिर जिन देशों में इन आपराधिक सिंडिकेट के संपर्क हैं, जैसे यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, यूएसए, थाईलैंड, मलेशिया, अर्मेनिया आदि में कम्युनिकेशन के लिए अलग-अलग तरह की कॉलिंग एप आदि को इस्तेमाल करना हो. काउंटर इंटेलिजेंस की टीम ने इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए कर्नाटक के बेंगलुरु, महाराष्ट्र के नासिक, पंजाब के मोहाली, जीरकपुर, हरियाणा के फरीदाबाद, हिमाचल के बद्दी आदि जगहों पर जाकर काफी काम किया.


इन अपराधियों का ये है जुर्म का इतिहास 


1. सज्जन उर्फ भोलू पर कुल डेढ़ लाख का इनाम है. वह 5 साल से फरार चल रहा था. सज्जन के खिलाफ जून 2019 में फरीदाबाद में हुई कांग्रेसी नेता विकास चौधरी की हत्या में शामिल होने का आरोप है. इसके अलावा अगस्त 2021 में मोहाली, पंजाब में अकाली दल के स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (एसओआई) के पूर्व अध्यक्ष विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्की की हत्या में शामिल होने का आरोप है.


2. अनिल उर्फ लट्ठ पर 1 लाख का इनाम घोषित है. वह पिछले दो साल से फरार चल रहा था. अनिल पर भी एसओआई के पूर्व अध्यक्ष विक्रमजीत की हत्या में शामिल होने का आरोप है.


3. अजय उर्फ सनी पिछले एक साल से फरार चल रहा था. अजय पर भी विक्रमजीत की हत्या में शामिल होने का आरोप है.


4. सचिन उर्फ गचनु की गिरफ्तारी पर 50 हजार का इनाम था. इस पर भी कबड्डी प्लेयर की हत्या में शामिल होने का आरोप है.


5. कवींद्र देवेंद्र बामभिया गैंग का सदस्य है. बामभिया को एनकाउंटर में मार गिराया गया था. बामभिया अन्य गैंग को हथियार और शरण दिलाने का काम करता था.


पुलिस के बड़े अधिकारियों का भी मानना है कि स्पेशल सेल का ये कैच वाकई काफी बड़ा है क्योंकि इन दोनों गठजोड़ के बीच एक बार गैंगवॉर शुरू हो जाती तो उसे रोकना थोड़ा मुश्किल होता. 



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