Kadaknath Mumbaikar: `कड़कनाथ मुंबईकर` ने ली संजय राउत की जगह, `सामना` में फिर दिखी कलम की ताकत
Who is Kadaknath Mumbaikar: कड़कनाथ मुंबईकर के बारे में जानने की कोशिश की गई तो सामना कार्यालय ने यह कहते हुए कोई विवरण देने से इनकार कर दिया कि यह संपादक उद्धव ठाकरे का विशेषाधिकार है.
Kadaknath Mumbaikar replaces Sanjay Raut: शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत आर्थर रोड जेल में बंद है. राउत के जेल जाने के बाद से लोगों को यह सवाल खाया जा रहा है कि उनकी (संजय राउत) अनुपस्थिति में सामना में उग्र संपादकीय और साप्ताहिक कॉलम कौन लिखेगा. लोगों की जिज्ञासा तब और बढ़ गई जब सामना के साप्ताहिक कॉलम में कड़कनाथ मुंबईकर के नाम से छपा लेख दिखा. कई लोग नाम से चकित थे क्योंकि यह पूरी तरह से अपरिचित था.
कौन है कड़कनाथ मुंबईकर?
जब कड़कनाथ मुंबईकर के बारे में जानने की कोशिश की गई तो सामना कार्यालय ने यह कहते हुए कोई विवरण देने से इनकार कर दिया कि यह संपादक उद्धव ठाकरे का विशेषाधिकार है. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि कड़कनाथ मुंबईकर नाम साप्ताहिक कॉलम के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक कलम नाम है.
संजय राउत की मुश्किलें बढ़ीं
इससे पहले, राउत की मुश्किलें तब बढ़ गई थीं जब उनके हिरासत में होने के बावजूद उनके नाम से सामना में साप्ताहि कॉलम प्रकाशित हुआ था. तब प्रवर्तन निदेशालय ने कहा था कि वह सामना के साप्ताहिक कॉलम की जांच करेगा. सामना का यह 'रोकठोक' साप्ताहिक कॉलम 7 जुलाई को संजय राउत की बायलाइन के साथ प्रकाशित हुआ था.
प्रवर्तन निदेशालय ने शुरू की जांच
ईडी के सूत्रों के अनुसार, संजय राउत को हिरासत में संपादकीय या कॉलम लिखने की अनुमति नहीं है. उनकी बायलाइन के साथ प्रकाशित कॉलम में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के हालिया बयानों और उनकी गिरफ्तारी के बाद की घटनाओं का संदर्भ था. इस संबंध में, ईडी के अधिकारी कई संभावित परिदृश्यों की जांच कर रहे हैं. क्या राउत ने कॉलम खुद लिखा था या हिरासत में मिलते हुए किसी को ब्योरा दिया था या सामना के कर्मचारियों ने राउत के नाम से लिखा था? यही कारण है कि रविवार की 'कड़कनाथ मुंबईकर' की बायलाइन ने कई लोगों का ध्यान खींचा है.
31 जुलाई को हुई थी गिरफ्तारी
संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय ने 31 जुलाई को पात्रा चाल घोटाले मामले में गिरफ्तार किया था. सूत्रों के मुताबिक, राउत सलाखों के पीछे एक किताब भी लिख रहे हैं. जेल में बंद प्रत्येक विचाराधीन कैदी को उसकी नियमावली के अनुसार कलम और कागज जैसी लेखन सामग्री दी जाती है.
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